Jehanabad : वाहनों की तेज रफ्तार ले रही है लोगों की जान

पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर शहरी क्षेत्र में जब से नया बाइपास बना है तब से दुर्घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. शायद ही कोई दिन होगा, जब पटना-गया एनएच 22 पर कोई छोटी-बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है. नए शहरी बाईपास निर्माण के बाद से अब तक हुई दुर्घटना में दो दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. जबकि सैकड़ों लोग जख्मी हो चुके हैं.

By MINTU KUMAR | June 1, 2025 10:33 PM
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जहानाबाद. पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर शहरी क्षेत्र में जब से नया बाइपास बना है तब से दुर्घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. शायद ही कोई दिन होगा, जब पटना-गया एनएच 22 पर कोई छोटी-बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है. नए शहरी बाईपास निर्माण के बाद से अब तक हुई दुर्घटना में दो दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. जबकि सैकड़ों लोग जख्मी हो चुके हैं. शनिवार को तेज गति से जा रही बोलेरो के पहले डिवाइडर और फिर बिजली के पोल में टकराने से दो लोगों की मौत हो गई. जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस दुर्घटना का कारण भी लोग तेज गति से वाहन चलाया जाना बताया जा रहा है. तेज गति के कारण ड्राइवर ने वहां से नियंत्रण खो दिया जिसके कारण बोलेरो डिवाइडर से टकरा गई और फिर बिजली के पोल से टकराकर सड़क पर उलट गई जिसके कारण उसे पर सवार सभी चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. अस्पताल ले जाते समय दो लोगों की रास्ते में ही मौत हो गई. लोगों की सुविधा के लिए बना पटना-गया एनएच 22 पर फोरलेन बाईपास की चिकनी सड़क न जाने और कितने मासूम लोगों की जिंदगी की बलि लेगा. जब से पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोरलेन का निर्माण हुआ है, तब से शहरी बाईपास पर लगभग प्रतिदिन दुर्घटनाएं घट रही हैं. पहले शहरी बाईपास पर शहर के लोदीपुर गांव के निकट बना ओवर ब्रिज का एक ही लेन चालू रहने से उस जगह पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही थीं. ओवर ब्रिज के निकास के पास लोदीपुर का क्षेत्र खतरनाक रूप से डेंजर जोन बन चुका था. इस जगह पर एक ही लेन चालू रहने से स्पीड में आ रही गाड़ियां आमने-सामने टकरा जाती थीं. अप्रैल महीने में ही लोदीपुर ओवरब्रिज के निकट बस और हाइवा के बीच चक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई थी. जबकि दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए थे. इसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा नहीं के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से उसे जगह पर दोनों लेन को चालू कराया गया. इसके बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि अब शहरी बाईपास पर दुर्घटना में कमी आएगी किंतु चिकनी सड़क पर तेज रफ्तार का लोभ दुर्घटनाओं में कमी नहीं होने दे रहा है. फोरलेन की चिकनी सड़क पर लोग 120 से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाते हैं जिसके कारण वाहन चालक का नियंत्रण अपनी गाड़ी से खो जाता है. थोड़ी सी चूक होने पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और लोगों की जान चली जाती है. शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जिसमें तेज रफ्तार के कारण बोलेरो चालक ने वहां से अपना नियंत्रण खो दिया जिसके कारण गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और दो मासूम लोगों की जिंदगी चली गयी. अप्रैल के अंतिम सप्ताह में शहरी बाईपास में स्कॉर्पियो से कुचलकर एक महिला की मौत हो गई थी. इससे पहले सिकरिया पेट्रोल पंप के समीप कार और बाइक के बीच हुई टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले दो बाइक के बीच टक्कर में एक की मौत हो गई थी. जबकि दूसरा बाइक चालक गंभीर रूप से जख्मी हो गया था.

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