कलेर. किसानों के लिए धान का बिचड़ा डालने का मुख्य समय रोहिणी नक्षत्र भी समाप्त हो चुका है परंतु मुख्य सोन नहर पटना खगौल का पानी अभी तक नहीं छोड़ा गया, जिसके चलते जेठ महीने में क्षेत्र के सभी आहार तालाब सूखे हुए हैं. उधर रोहिणी नक्षत्र भी समाप्त हो गया है और नहरों में पानी नहीं आने से किसान धान के बिचड़े डालने को लेकर परेशान नजर आने लगे हैं. किसानों का कहना है कि रोहिणी नक्षत्र 15 दिनों का होता है और हम लोगों को धान का बिचड़ा डालने का उपयुक्त समय यही होता है इस समय जो बीज तैयार होता है, उसमें कीड़े मकोड़े कम लगते हैं, धान पुष्ट होता है एवं धान का उपज ज्यादा होता है किसानों के लिए यह नक्षत्र बेहतर होता है. वैसे में पानी उपलब्ध होना महत्वपूर्ण है. पहलेजा पंचायत के किसान एवं पूर्व पैक्स अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में बीज बोने का काम 25 प्रतिशत भी किसान नहीं कर पायें मृगडाह में सबसे अधिक बीज बोया जाता है फिर इसके बाद आद्रा नक्षत्र में धान का बीज बोने का काम पूरा कर लिया जाता है. पानी की जरूरत इस समय किसानों को ज्यादा होती है.
संबंधित खबर
और खबरें