जहानाबाद नगर. गुरुवार को बिहार सरकार कृषि विभाग के निदेशानुसार स्थानीय अब्दुल बारी नगर भवन में आत्मा जहानाबाद के द्वारा शारदीय (खरीफ) महाभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय शारदीय (खरीफ) कर्मशाला-सह- प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका विधिवत शुभारंभ जिला पदाधिकारी अलंकृता पांडेय के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. मौके पर संयुक्त निदेशक रसायन, मिट्टी जांच प्रयोगशाला, बिहार, पटना-सह-जिला नोडल पदाधिकारी- विनय कुमार पाण्डेय एवं सहायक निदेशक रसायन, बिहार, पटना- रवि कुमार चन्द्रवंशी उपस्थित थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन लोगों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य किसानों को सरकार द्वारा संचालित सभी तरह के कृषक हितकारी योजनाओं की जानकारी देना एवं प्रचार प्रसार करना है. उन्होंने जिले के किसानों को अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर लाभ उठाने का आवाह्न किया. उनके द्वारा सभी क्षेत्रीय कृषि प्रसार पदाधिकारी, कर्मी को निदेश दिया गया कि वे अपने क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए अधिक से अधिक किसानों को विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे. उन्होंने किसानों को फसल उत्पादन प्रणाली में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करने तथा जैविक खाद एवं जैव कीटनाशकों का ज्यादा उपयोग करने की सलाह दी. साथ ही बताया कि इससे फसलों एवं मिट्टी के स्वास्थ्य के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा. जैविक खाद के उपयोग से उत्पादित अनाज, सब्जी एवं उत्पाद बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है. जैविक खाद का प्रयोग भविष्य के लिए भी बेहतर है. जिलाधिकारी ने बताया कि मिट्टी जांच प्रयोगशाला के द्वारा जहानाबाद जिले का सॉइल फर्टिलिटी मैप तैयार किया जा रहा है. इसके तहत एक हेक्टेयर भूमि में प्रत्यक्षण का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मिट्टी जांच के आधार पर फसलों में उर्वरक का प्रयोग किया जाएगा. कार्यक्रम में आत्मा द्वारा संचालित बिहार कौशल विकास मिशन योजना के तहत आरपीएल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों, युवाओं को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण किया गया. साथ ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड का भी किसानों के बीच वितरण किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी-सह- परियोजना निदेशक आत्मा संभावना के द्वारा खरीफ मौसम में कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं अनुदानित दर पर बीज वितरण योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, आत्मा योजना, बीज उत्पादन कार्यक्रम, कृषि यांत्रिकीकरण योजना आदि की जानकारी देते हुए इस जिला में उर्वरक की उपलब्धता के बारे में पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक बताया गया. उन्होंने सभी किसानों को “बिहार कृषि ऐप ” के बारे में जानकारी दी और कहा कि वे इस ऐप को अपने मोबाइल में अवश्य डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन कर लेंगे. उक्त बिहार कृषि ऐप के माध्यम से अपने स्मार्टफोन द्वारा किसान कृषि विभाग की सभी योजनाओं का आवेदन करते हुए लाभ प्राप्त कर सकते हैं. उनके द्वारा बताया गया कि किसानों को फसल पराली को कभी नहीं जलाना चाहिए बल्कि इसका प्रबंधन करना चाहिए. फसल अवशेष को खेतों में जलाने से मानव एवं मिट्टी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इसे जलाने से वायु प्रदूषण के कारण मानव को कई प्रकार की श्वास संबंधी गंभीर बीमारियां होती है और मिट्टी में पाए जाने वाले लाभप्रद जीवाश्म एवं जीवाणु जल जाते हैं, जिससे मिट्टी में फसल उत्पादन की क्षमता का ह्रास होता है. किसान फसल अवशेष का उपयोग पशु चारा एवं मिट्टी में मिलाकर खाद के रूप में कर सकते हैं. उनके द्वारा प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी गई. उन्होंने बताया कि इस शारदीय (खरीफ) महाभियान 2025 के अंतर्गत अगले चरण में 26 मई से 02 जून तक निर्धारित तिथियों को इस जिला के सभी सात प्रखंड मुख्यालयों में प्रखंडवार प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें खरीफ फसलों के उत्पादन की नवीनतम वैज्ञानिक तकनीक आदि विषयों पर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाएगा. इसके साथ एलईडी से युक्त खरीफ महाभियान किसान जागरूकता वाहन को सभी प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कराकर उसमें तकनीकी फिल्म दिखाकर खरीफ मौसम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा. वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र गंधार जहानाबाद डॉ मुनेश्वर प्रसाद के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र गंधार द्वारा संचालित विभिन्न तरह के कृषक प्रशिक्षण, परिभ्रमण कार्यक्रम, आधार बीज उत्पादन, जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. वैज्ञानिक (कीट विज्ञान) कृषि विज्ञान केन्द्र गंधार डॉ वाजिद हसन के द्वारा खरीफ फसलों के उत्पादन तकनीक के बारे में जानकारी दी गई. वैज्ञानिक (कृषि अभियंत्रण) कृषि विज्ञान केन्द्र गंधार जितेंद्र कुमार के द्वारा वर्तमान समय में कृषि यंत्र की उपयोगिता पर जानकारी दी गई. सहायक निदेशक रसायन मिट्टी जांच प्रयोगशाला श्वेता प्रिया के द्वारा मिट्टी जांच करवाने का महत्व, उससे होने वाले लाभ एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. उनके द्वारा बताया गया कि प्रत्येक किसान को अपने खेत की मिट्टी जांच अवश्य करवानी चाहिए. इससे मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है, का पता चलता है. किसानों को अंधाधुन उर्वरक के प्रयोग करने से बचना चाहिए. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही अनुशंसित मात्रा में उर्वरक का व्यवहार करना चाहिए. सरकार द्वारा किसानों को जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला में मिट्टी जांच करवाने की सुविधा निःशुल्क दी जाती है. कार्यक्रम में जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड- रजनीकांत सिंह, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक रविंद्र कुमार सिंहा, सहायक निदेशक शष्य भूमि संरक्षण- राम लखन ठाकुर, सहायक निदेशक प्रक्षेत्र एवं अनुमंडल कृषि पदाधिकारी- श्रीमती इंदू सिंहा, उप परियोजना निदेशक आत्मा- राकेश कुमार, सहायक निदेशक उद्यान- रुपेश कुमार अग्रवाल, सहायक मुर्गी पालन पदाधिकारी- डॉ रानी कुमारी, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण- मो. जावेद आलम, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण- सुधीर कुमार, पौधा संरक्षण निरीक्षक- अनिल कुमार गौरव, वैज्ञानिक (पशु विज्ञान) कृषि विज्ञान केन्द्र गंधार- डॉ दिनेश महतो, बिहार कृषि ऐप विशेषज्ञ- संदीप के द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई. मौके पर सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, किसान सलाहकार के साथ नवनियुक्त प्रशिक्षु सहायक निदेशक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी के अलावा प्रगतिशील किसानों में अमित कुमार, संतोष कुमार, अंकित, मूरारी प्रसाद, धर्मेन्द्र कुमार, उमेश प्रसाद, शिवनारायण यादव आदि सहित सैकड़ों कृषक उपस्थित थे. मंच का संचालन किसान सलाहकार देवेंद्र कुमार के द्वारा किया गया.
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