जहानाबाद. अगले दो दिनों तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. दो दिनों तक यह भीषण गर्मी अभी लोगों को और सतायेगी. इसके बाद रविवार से गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है, क्योंकि रविवार को माॅनसून के बिहार में प्रवेश करने की उम्मीद है. माॅनसून के प्रवेश करने और उसके बाद बारिश से लोगों को इस भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है. मौसम विभाग के अनुसार बिहार में मानसून के प्रवेश में दो दिनों की देरी होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है. पहले बताया गया था कि 13 जून से बिहार में मानसून प्रवेश कर जायेगा, किंतु अब इस रविवार यानी 15 जून को प्रवेश करने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है. माॅनसून के आने तक इस भीषण गर्मी से फिलहाल कोई राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. मौसम विभाग के अनुसार रविवार को माॅनसून के बिहार में प्रवेश करने के बाद अगले सप्ताह से बारिश होने की संभावना है. न्यूनतम तापमान भी 30 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर रहने के कारण रात में भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिलती है. पंखे की हवा भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं दे पा रही है. पंखे की हवा भी ऐसा लगता है मानो वह चूल्हे के आग से गुजर कर आई है. कूलर की हवा से थोड़ी बहुत राहत मिलती है, किंतु वह भी गर्मी को भागने में नाकाम साबित हो रही है. इन दिनों एयर कंडीशन ही गर्मी से बचने का एकमात्र सहारा बना है किंतु एयर कंडीशन की सुविधा सभी को उपलब्ध नहीं है. जिले के ज्यादातर लोग गरीब और मध्यम वर्ग के हैं. ऐसे लोगों को एसी के हवा नसीब नहीं हो रही है, जिसके कारण जिले के ज्यादातर लोग इस भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं और भगवान से बारिश होने की दुआ कर रहे हैं. चंद सुखी संपन्न और अमीर लोग ही एसी की हवा का मजा उठा रहे हैं. दिन भर सूर्य देव आसमान से आग बरसा रहे हैं. आसमान में बदली का कहीं भी नामो निशान नहीं है. घर से बाहर ऐसा लगता है मानो सारा शरीर झुलस रहा है. बाहर निकलते ही शरीर से पसीना बहाने लगता है ऐसा लगता है कि मानो गर्मी पूरे शरीर का पानी अभी निचोड़ कर बाहर कर देगी. गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडा और शीतल पेयजल का सहारा ले रहे हैं. घर से बाहर निकलने वाले लोगों को शरीर को निर्जलीकरण से बचने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पीना पड़ रहा है. ऐसा नहीं करने वाले लोग सन स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के शिकार हो जा रहे हैं, उसके बाद उन्हें अस्पताल में जाकर पानी चढ़ाना पड़ता है. इन दिनों जारी भीषण गर्मी से बचने के लिए ज्यादातर लोग दोपहर में अपने घरों में कैद हो जा रहे हैं. दोपहर में जिले के सड़कों पर सन्नाटा फैल जाता है, यह हाल बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों का भी होता है. लोग बहुत जरूरी होने पर ही दोपहर में यात्रा करने के लिए निकल रहे हैं, जिन्हें जरूरी भी है वह भी गर्मी से बचने के लिए सुबह और शाम ही यात्रा करने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
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