स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जल प्रवाह के तेज होने से नदी किनारे चर रहे कई किसानों के मवेशी टीले पर फंस गये हैं. बेलांव गांव के नकुल यादव, भानु प्रताप यादव, लाल पासवान, मुकुल पासवान, सुनील साहू, जमुना चौधरी, लाला चौधरी, मुन्ना कुमार सहित दर्जनों लोगों की गाय, भैंस और अन्य पशु नदी के बीच फंस गए हैं. इससे ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर जानवरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाये. उनका कहना है कि अगर समय पर कदम नहीं उठाये गये, तो जान-माल का नुकसान हो सकता है. फिलहाल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन स्थिति तेजी से बदल रही है. प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे लोगों में असमंजस और भय का माहौल बना हुआ है. स्थानीय लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द नाव, राहत दल और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये जाएं ताकि संभावित आपदा से निपटा जा सके. सोन नदी के किनारे बसे इन गांवों में लोग अपने घरों के सामान समेटने लगे हैं और ऊंचे स्थानों की ओर नजरें टिकाये हुए हैं. बाढ़ नियंत्रण विभाग को भी सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित राहत पहुंचायी जा सके.
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