भभुआ. जिले में भारत माला परियोजना के तहत बनाये जाने वाले बनारस-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान को लेकर फिर छह राजस्व गांगों के पंचाट अवार्ड को एनएचएआइ की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. इस तरह एक्सप्रेसवे निर्माण में अधिग्रहित किये गये 62 मौजों के संशोधित पंचाट अवार्ड (जमीन के मुआवजे की संशोधित दर) को स्वीकृति मिल चुकी है. इसके बाद मुआवजा भुगतान को लेकर सरकार की ओर से अधिग्रहित भूमि के किसानों को 30 करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान उनके खातों में कर दिया गया है. इधर, इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार अब तक आर्बिट्रेटर न्यायालय के आदेश के आलोक में कोलकाता-बनारस एक्सप्रेसवे में अधिग्रहित भूमि को लेकर कुल 62 मौजों के पंचाट को स्वीकृति प्रदान कर दिया गया है. इसमें से 56 मौजों में भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू करा दी गयी है. इसके तहत अब तक 30 करोड़ रुपये से अधिक राशि रैयतों के खाते में भेजी जा चुकी है. इधर, नये पंचाटों को दिये गये स्वीकृति में जिले के धुंजुआ, गंगापुर, निसिझा, कुडन, बहोरामपुर व कुशडेहरा राजस्व ग्राम शामिल हैं. इधर, इस संबंध में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि अब तक पंचाट को स्वीकृति मिले मौजों के रैयतों को थाना और अंचल के माध्यम से नोटिस भी निर्गत किया जा रहा है. जिन रैयतों को नोटिस नहीं मिल रहा है़, वे रैयत जिला भू-अर्जन कार्यालय से सीधे नोटिस प्राप्त कर सकते हैं. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन प्रत्येक रैयत को सटीक, समयबद्ध ओर न्यायसंगत मुआवजा प्रदान करने के लिए पारदर्शी और शिकायत मुक्त प्रक्रिया प्रशासन अपना रहा है, जिसमें रैयतों को भी सहयोग करना चाहिए, ताकि मुआवजा भुगतान जल्द प्राप्त किया जा सके. = अपनी जमीन के स्वामित्व के आवश्यक कागजात के साथ आवेदन करें किसान अधिग्रहित भूमि के मुआवजे को लेकर जिला प्रशासन की ओर से किसानों को सलाह दी गयी है कि अपनी अधिग्रहित जमीन के स्वामित्व का आवश्यक कागजात के साथ अपना आवेदन करें. भूमि स्वामित्व से संबंधित कागजातों में जैसे खतियान, केवाला, अद्यतन लगान रसीद जिस पर खाता, खेसरा और रकबा अंकित हो, वंशावली, नक्शा आदि कागजात किसान उपलब्ध करायेंगे. इसके बाद संबंधित अमीन द्वारा जमीन की मापी की जायेगी. जिसे अंचलाधिकारी सत्यापित करेंगे और फिर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया आरंभ करा दी जायेगी. साथ ही जिन किसानों ने अभी तक मुआवजे को लेकर आर्बिट्रेटर न्यायालय में अपना आवेदन नहीं दिया है. वैसे किसान भी आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन भू अर्जन कार्यालय में जमा कर सकते हैं. जिन्हें विशेष दूत के माध्यम से पटना भेजकर शीघ्र निष्पादित कराया जायेगा. जिला प्रशासन रैयतों को स्थानीय स्तर से हर संभव सुविधा प्रदान करा रहा है ताकि उन्हें पटना न जाना पडे और कोई असुविधा न हो. इन्सेट अधिग्रहित भूमि पर खेती-बाड़ी नहीं करने का प्रशासन ने किसानों से की अपील भभुआ. कोलकाता-वाराणसी एक्सप्रेसवे निर्माण में अधिग्रहित भूमि पर किसी तरह की खेती-बाड़ी विशेषकर धान की रोपनी जैसे मौसमी फसलों की खेती किसानों से नहीं करने की अपील जिला प्रशासन ने की है़ इसे आशय की सूचना को लेकर जिला प्रशासन की ओर से माइकिंग के माध्यम से भी संबंधित गांवों में प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है, ताकि सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को समय बद्ध तरीके से पूरा किया जा सके. इसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से सभी अंचलों में अमीनों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है और मौजों में विशेष शिविर भी लगाकर किसानों के समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. साथ ही कैमूर जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिये भी प्रतिबद्ध है कि प्रत्येक रैयत को न्यायसंगत मुआवजा मिले तथा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शिकायत मुक्त एवं पारदर्शी हो.
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