कोरोना जांच की स्थिति खराब, कन्फर्मेट्री किट फिर हुआ समाप्त

सदर अस्पताल में कोरोना जांच के लिए लगायी गयी ट्रूनेट मशीन का कन्फर्मेट्री किट एक बार फिर समाप्त हो गया है. इसके कारण जिले में जांच की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है. हालात यह हो गयी है कि लोग तत्काल जांच रिपोर्ट के लिए वाराणसी जाकर प्राइवेट लैब में कोरोना का टेस्ट करा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 19, 2020 11:21 AM
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भभुआ : एक तरफ राज्य सरकार लगातार कोरोना जांच की संख्या बढ़ाये जाने की बात कह रही है. वहीं, दूसरी तरफ जिले में कोरोना जांच की स्थिति काफी खराब है. पटना भेजे जा रहे सैंपल की जांच रिपोर्ट आने में जहां आठ से 10 दिन का समय लग रहा है. वहीं, सदर अस्पताल में कोरोना जांच के लिए लगायी गयी ट्रूनेट मशीन का कन्फर्मेट्री किट एक बार फिर समाप्त हो गया है. इसके कारण जिले में जांच की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है. हालात यह हो गयी है कि लोग तत्काल जांच रिपोर्ट के लिए वाराणसी जाकर प्राइवेट लैब में कोरोना का टेस्ट करा रहे हैं.

प्रतिदिन 75 सैंपल पटना भेजने का है लक्ष्य

गौरतलब है कि जिले में तीन तरह से कोरोना की जांच की जा रही है. पहला तरीका यह है कि लोगों का सैंपल लेकर पटना भेजा जाता है और वहां लैब में जांच कर रिपोर्ट जिले को भेजी जाती है. प्रतिदिन 75 सैंपल पटना भेजने का लक्ष्य है. लेकिन, पटना जो सैंपल भेजे जा रहे हैं, उसकी रिपोर्ट आने में आठ से 10 दिनों का समय लग जा रहा है. ऐसे में जो लोग पॉजिटिव रह रहे हैं, उनका आइसोलेशन पीरियड समाप्त होने के बाद वहां से जांच रिपोर्ट आ रही है. वहीं, दूसरा सदर अस्पताल की ट्रूनेट मशीन से कोरोना की जांच की जाती है. इसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाती है और इससे प्रतिदिन 75 लोगों का सैंपल लेकर जांच की जाती है. ट्रूनेट मशीन से पहली जांच में जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उनका दोबारा कन्फर्मेट्री किट से जांच की जाती है. लेकिन, कन्फर्मेट्री किट समाप्त हो जाने के कारण ट्रूनेट से पहली जांच के बाद दूसरी जांच भी बंद हो गयी. इस तरह से पटना व ट्रूनेट से होनेवाली जांच की स्थिति काफी खराब है. जबकि, पिछले तीन दिनों से जिले में रैपिड एंटीजन टेस्ट भी शुरू किया गया है. रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट आधे घंटे में आ जाती है. इससे प्रतिदिन 25 जांच की जा रही है. इस तरह से देखे तो पटना व ट्रूनेट से होनेवाली जांच की स्थिति काफी खराब है. केवल रैपिड एंटीजन किट से प्रतिदिन महज 25 लोगों के ही जांच की फाइनल रिपोर्ट आ पा रही है.

टेस्ट, ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट तीनों की हालत खराब

कोरोना पर काबू पाने के लिए ट्रिपल टी यानी टेस्ट, ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट को महत्वपूर्ण हथियार माना जाता है. लेकिन, जिले में टेस्ट का काम बाधित होने के कारण ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट अपने आप ही ठप पड़ जा रहा है. टेस्ट नहीं होने के कारण पॉजिटिव मरीज का पता नहीं चल रहा है, जिसके कारण उनके संपर्क में आनेवाले लोग व पॉजिटिव लोगों का पता नहीं चल पा रहा है. जिससे ट्रीटमेंट या इलाज का काम बाधित हो जा रहा है. ऐसे में कोरोना पर काबू पाने की बात करना बेमानी दिख रही है. दुनिया भर में टेस्ट, ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट के जरिये ही कोरोना पर काबू पाया जा रहा है. लेकिन, जिले में टेस्ट की स्थिति खराब होने के कारण कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अगर टेस्ट की बात करें, तो रिपोर्ट आने में विलंब, आये दिन कन्फर्मेट्री किट के समाप्त होने के कारण जांच पर ब्रेक लग जा रहा है.

कोरोना संक्रमण की लोग वाराणसी जाकर प्राइवेट लैब से करा रहे जांच

कैमूर में जांच की स्थिति खराब होने के कारण लोग वाराणसी जाकर प्राइवेट लैब में जांच कराने को मजबूर हैं. रामगढ़ के एक व्यवसायी ने शुक्रवार को कोरोना का लक्षण दिखने पर अपना सैंपल रेफरल अस्पताल को जांच के लिए दिया. लेकिन, रिपोर्ट आने में विलंब की स्थिति को देखते हुए वे शुक्रवार को आनन-फानन में वाराणसी चले गये. जहां उन्होंने प्राइवेट लैब में कोरोना टेस्ट कराया. कोरोना टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. इसके बाद वे लौट कर भभुआ आये और उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना मरीज के तौर पर इलाज शुरू किया गया. इधर, वाराणसी से जांच करा कर रिपोर्ट लाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो सैंपल भेजा गया, उसकी रिपोर्ट नहीं आयी थी.

पटना में पिछले 10 जुलाई से 387 सैंपलों की रिपोर्ट पेंडिंग

कैमूर से पटना भेजे जा रहे सैंपल की रिपोर्ट आने में आठ से 10 दिनों का समय लग रहा है. नौ जुलाई को भेजे गये 69 सैंपल की रिपोर्ट आठ दिनों बाद 17 जुलाई को आयी. वहीं, 10 जुलाई से कुल 387 सैंपल पटना भेजे जा चुके हैं. लेकिन, उनकी रिपोर्ट 18 जुलाई की शाम तक जिले को प्राप्त नहीं हुई. इसके कारण ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट दोनों का कार्य बाधित है. वहीं कन्फर्मेट्री किट समाप्त होने पर ट्रूनेट से पहली जांच में जिनका रिपोर्ट पॉजिटिव आती है. उनका कन्फर्मेट्री जांच के लिए सैंपल पटना भेजा जाता है. लेकिन, उसकी भी रिपोर्ट आने में आठ से 10 दिन का समय लग जाता है. आठ दिनों पहले भी कन्फर्मेट्री किट समाप्त होने के कारण ट्रूनेट से जांच का काम बाधित था.

posted by ashish jha

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