पटना. पटना स्थित कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स में चल रही “लोकपरंपरा का उत्सव” नाम से तीन दिवसीय राष्ट्रीय लोकचित्रकला प्रदर्शनी का आज समापन बड़े धूमधाम के साथ कई गण्यमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में समपन्न हुआ. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने की थी. इकार्यक्रम में पद्मश्री शांति देवी सहित कई लोक कलाकार भी शामिल हुए. प्रदर्शनी के आखिरी दिन भी कला प्रेमियों का तांता लगा रहा. इनमें पटना के अटल इनक्यूबेशन सेंटर के चेयरमैन विजय प्रकाश, महिला चरखा समिती की प्रेसीडेंट मृदुला प्रकाश, बापू टॉवर के डायरेक्टर विनय कुमार व वरिष्ठ प्रशासनिक नीलम चौधरी प्रमुख हैं. अटल इनक्यूबेशन सेंटर के चेयरमैन विजय प्रकाश ने कहा कि उन्होंने पटना में पहली बार ऐसी प्रदर्शनी देखी जहां भारत के 18 आर्ट फोरम देखने को मिला. उन्होंने आगे कहा कि ऐसी प्रदर्शनियां होनी चाहिए, जहां सभी आर्ट फॉर्म का फ्यूजन हो सके और सभी कलाकर एक दूसरे से सीख सकें. महिला चरखा समिती की प्रेसीडेंट मृदुला प्रकाश, जो स्वयं मिथिला आर्टिस्ट हैं और मिथिला आर्ट में पीचडी की है, उन्होंने कहा कि भारत के कई राज्यों से पेंटिंग्स आई हैं, यह बहुत प्रशंसनीय है. लोक कलाकारों को ऐसे प्लेटफ़ॉर्म की बहुत जरूरत है. पारंपरिक कलाएं लुप्त हो रही हैं, फोकार्टोपीडिया ने ऐसे कलाकारों को एक प्लेटफ़ॉर्म दिया है और इन कलाकरों को ऐसे और भी प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए. बापू टॉवर के डायरेक्टर विनय कुमार ने कहा कि फोकार्टोपीडिया का यह प्रयास बहुत प्रशंसनीय है. देश और विदेश के लोक कलाकारों के लिए यह एक अच्छा प्लेटफ़ॉर्म है. वरिष्ठ प्रशासनिक नीलम चौधरी ने कहा कि लोक कलाकृतियों का यह कलेक्शन बहुत सुंदर है. इस प्रदर्शनी में कई नई चीजों को जाना. तीन दिवसीय चले इस उत्सव में पटना वुमन्स कॉलेज, उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान और विभिन्न जिलों के कलाकार एंव छात्रों ने देश के विभिन्न प्रांतों के कलाकारों की कला कृतियों को जानने और समझने का प्रयास किया.
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