भभुआ सदर. जिले में नागपंचमी का पर्व मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. लोगों ने लावा, दूध से नाग देवता की पूजा की. पुरानी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा से सर्पदंश का भय समाप्त हो जाता है. डाकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पंडित उपेंद्र तिवारी व्यास ने बताया कि सावन माह के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को नागपंचमी मनायी जाती है. नागपंचमी को ही ग्रामीण क्षेत्रों में पंचईयां भी कहा जाता है. मंगलवार की सुबह खेतों व मैदान में युवाओं की टोली कबड्डी व लंबी कूद के लिए निकल पड़ी. इस दिन खेलों का काफी महत्व होता है. लोगों ने घर घर जायकेदार व्यंजनों का लुत्फ उठाया. इसके बाद झूले का दौर शुरू हुआ. पेड़ों पर झूले लगाये गये. युवाओं के अलावा बच्चे-बच्चियों व महिलाओं ने भी झूले का आनंद उठाया. नागपंचमी पर महिलाओं ने अपने-अपने घरों में नाग देवा की आकृति बनाकर पूजा-अर्चन की़ साथ ही घर में सुख-समृद्धि के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की. इसके बाद घर में बने पकवान का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया गया. मन्नतें पूरी होने के बाद सीवों गांव में गांव की कुलदेवी मां भगवती के समक्ष पुजारी पंडित हरिशंकर तिवारी के द्वारा पूजा-अर्चना करायी गयी.
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