दिन भर उमड़ते घुमड़ते बादलों में बारिश तलाशते रहे लोग, नहीं बरसे मेघ

आसमान में जमे बादलों से जद्दोजहद के बाद निकल रही धूप कैमूरवासियों के लिए मुसीबत का सबब बनने लगी है

By VIKASH KUMAR | June 15, 2025 4:46 PM
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भभुआ सदर… आसमान में जमे बादलों से जद्दोजहद के बाद निकल रही धूप कैमूरवासियों के लिए मुसीबत का सबब बनने लगी है. वैसे भी मई के महीने ने लू और धूप ने रुलाया, तो जून में अब धूप के साथ उमस ने बेहाल कर दिया है. उमस और बदर कट्टू धूप के चलते लोगों को न घरों में चैन है और न ही बाहर. हर जगह उमस और पसीने से लोग तरबतर हो रहे हैं. इसी में ओवरलोड के चलते बिजली की ट्रिपिंग और मरम्मत के नाम पर कटौती ने और परेशानी खड़ी कर दी है. अधिकतम तापमान में कमी आने और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी से उमस और बढ़ गयी है. मौसम विज्ञानी के अनुसार फिलहाल इससे अभी दो तीन दिन तक निजात मिलने वाली नहीं है. सांख्यिकी विभाग की माने तो धूप में ताकत न होने के बावजूद नमी से उसका साथ हीट इंडेक्स को बढ़ा दे रहा है, जिससे कम तापमान पर भी भीषण उमस भरी गर्मी का अहसास हो रहा है. रविवार को पूरे दिन यह स्थिति बनी रही और सुबह से बदले मौसम में बादलों ने तो राहत प्रदान की लेकिन बारिश नहीं हुई. रविवार को मौसम विभाग के रिकार्ड में अधिकतम तापमान तो 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, लेकिन हीट इंडेक्स के चलते गर्मी का अहसास 44 डिग्री सेल्सियस का हुआ. बढ़े हीट इंडेक्स का नतीजा यह रहा कि सुबह और रात भी गर्म रही, जिसके चलते न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. न्यूनतम और अधिकतम तापमान में महज दस डिग्री सेल्सियस का अंतर होने की वजह से 24 घंटे में किसी भी पल लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल सकी. = उमस व गर्मी से विभिन्न बीमारियों के बढ़े मरीज पिछले दो सप्ताह से उमस गर्मी से लोगों की हालत खराब है, अधिकतर लोग वायरल इंफेक्शन, निमोनिया, अस्थमा, टाइफाइड, पीलिया, मलेरिया, कै दस्त, पेट दर्द, बुखार, नसों में खिचांव, मिर्गी, बेचैनी, हाइपर टेंशन, हीट स्ट्रोक, जुकाम आदि से पीड़ित हो रहे है. सदर अस्पताल के फिजिशियन डॉ अभिलाष चंद्रा ने बताया कि ऐसे मौसम में हीट स्ट्रोक, हार्ट में दिक्कत, मस्तिष्क ज्वर, हाइपरटेंशन आदि का ज्यादा प्रॉब्लम होता है. खासकर, उमस भरी गर्मी की वजह से लोगों में सिरदर्द और माइग्रेन की शिकायत ज्यादा हो रही है. गर्मी व उमस की वजह से मिर्गी के मरीजों में दौरों का अंतराल भी कम हो गया है. इसकी वजह गर्मी के चलते धमनी और शिराओं में खून के संचलन का प्रभावित होना है. धूप में जाने पर अचानक यह ढीली हो जा रही, तो धूप से हटते ही उनमें संकुचन हो जा रहा है. इसके चलते जल्दी-जल्दी वातावरण में हो रहे इस बदलाव को मस्तिष्क झेल नहीं पा रहा और तमाम तरह की दिक्कतें आ रही हैं. इससे बचाव के लिए धूप में निकलने के दौरान सिर पर टोपी या गमछे का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. ऐसे मौसम में मस्तिष्क के रोगियों को विशेष तौर पर सजग रहना होगा. = बारिश नहीं होने से गर्मी व उमस ले रही लोगों की परीक्षा, हो रहे हाइपर टेंशन के शिकार

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