रामगढ़. रविवार को छोटी बहस के चलते हुए खूनी संघर्ष में घायल हुए बड़े भाई अखिलेश राम (36 वर्ष) का वाराणसी के ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान शनिवार मध्य रात्रि लगभग 12 बजे मौत हो गयी. यह खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया. ज्ञात हो कि बीते 27 जुलाई की दोपहर, गांव के वार्ड नंबर एक में दरवाजे पर बैठे अखिलेश राम को उनके छोटे भाई साहिल ने पारिवारिक विवाद के चलते कट्टे से सिर पर गोली मार दी थी. गंभीर रूप से घायल बड़े भाई का तत्काल रामगढ़ रेफरल अस्पताल में उपचार किया गया, जहां उनकी नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें वाराणसी ट्राॅमा सेंटर रेफर कर दिया गया. गोली मारने के बाद छोटा भाई छत पर चढ़कर तांडव मचा रहा था, जहां पुलिस और अधिकारियों के घंटों प्रयास के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. आठ दिन तक संघर्ष के बाद अखिलेश राम की मौत हो गयी. तीन बच्चों से उठा पिता का साया बड़े भाई अखिलेश के दो बेटियां और एक बेटा हैं. बड़ी बेटी किंजल कुमारी (14 वर्ष), आस्था कुमारी (12 वर्ष) और इकलौता पुत्र आरो कुमार (10 वर्ष). पिता की मौत की खबर सुनते ही सभी बच्चे बेसुध होकर रो रहे थे. आसपास के लोगों की आंखें भी नम थीं और सभी इस अनुपूरणीय क्षति पर शोक व्यक्त कर रहे थे. स्वयं 10 वर्षीय आरो कुमार ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. इसके दौरान वह फूट-फूट कर रो रहा था. पत्नी निर्मला देवी भी गम में डूबी हुई थीं, जिनका रो-रोकर बुरा हाल था. यह दृश्य देख सभी की आंखें नम थीं. मृतक की जीवन-गाथा और पुलिस की कार्रवाई अखिलेश राम, जो बिहार के नालंदा जिले में एक सरकारी विद्यालय में शिक्षक के पद पर थे. दो वर्ष वे पूर्व पिता की तबीयत खराब होने के कारण नौकरी छोड़ घर आ गये थे और परिवार की देखभाल कर रहे थे. छोटे भाई साहिल ने वर्ष 2020 में विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. लेकिन चार-पांच सौ मत प्राप्त किये थे. क्या कहते है थाना अध्यक्ष बीते 27 जुलाई को थाना क्षेत्र के रामगढ़ नगर के वार्ड एक में एक छोटे भाई ने बड़े भाई को गोली मारकर घायल कर दिया था. उनकी वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गयी है. पुलिस अनुसंधान में जुटी है. राजू कुमार , थानाध्यक्ष,रामगढ़
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