भभुआ शहर. नगर पर्षद द्वारा शहर से निकलने वाले कूड़े को सुवरन नदी के समीप डंप कर कूड़े के अंबार में आग लगा देने से सारनपुर, गोरहन, दुमदुम आदि ग्रामीण इलाकों का वातावरण प्रदूषित और जानलेवा हो गया है. साथ ही जल रहे कूड़े से निकलने वाली जहरीली धुआं से भभुआ-चैनपुर सड़क पर चलना भी खतरे से खाली नहीं रह गया है. कचरे से निकल रहे धुएं से सड़क पर धुंध जैसा छा जाता है, जिससे सड़क पर गाड़ियों की रफ्तार थम जाती है. साथ ही वाहन चालकों को कुछ दूरी तक कुछ दिखायी भी नहीं देता है. रविवार को डंप कचरे में लगी आग और उससे निकलने वाली विषैले धुएं से ग्रामीण और राहगीरों में रोष व्याप्त किया. सूचना पर पहुंची दमकल विभाग के कर्मियों ने आग पर काबू पाया. ग्रामीणों ने बताया कि नगर पर्षद फेंके जा रहे कूड़े से हमलोगों की जिंदगी नारकीय हो गयी है. कभी दुर्गंध, तो कभी कूड़ा जलाने से दमघोंटू धुएं से मन विचलित होते रहता है. कई बार शिकायत भी की गयी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. अब तो पहले से भी ज्यादा कूड़ा फेंका जा रहा है. कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वार्ड पार्षद मीना देवी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के समक्ष कई बार इस समस्या को उठाया गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पायी है. विडंबना है कि उनके दुमदुम पंचायत के ग्रामीण इलाकों का कूड़ा कही और फेंका जा रहा है, जबकि नगर पर्षद का अपना क्षेत्र नहीं होने के बाद भी प्रतिदिन कूड़े को सारंगपुर मौजा में फेंक दिया जा रहा है. आये दिन लोग इससे बीमार हो रहे हैं, कूड़ा फेंके जाने और उसमें आग लगा देने से सारंगपुर मोड़ पर अक्सर दुर्घटनाएं भी हो रही हैं. प्रशासन को चाहिए कि नगर पर्षद को यहां कूड़ा कचरा फेंकने से रोके. बार-बार कहने के बाद भी नगर पर्षद अपने इस रवैया से बाज नहीं आ रही है, जहां कूड़ा फेंक रही है वहां पहले खेल का मैदान और गौशाला हुआ करता था. उस मैदान पर वह लोग खेलते थे, लेकिन, अब उस जमीन पर जबरन दावा किया जा रहा है और नगर पर्षद द्वारा कूड़ा गिराया जा रहा है. यहां एक तरफ अपने शहर के स्वच्छता के नाम पर हमारे गांव को नर्क बना रही है, एक तरफ ग्रामीण नारकीय जीवन तो जी रहे है, तो वहीं दूसरे तरफ देश के भविष्य कर्णधार कर्पूरी ठाकुर छात्रावास के बच्चे भी त्रस्त हैं. कूड़े से उठते असहनीय दुर्गंध और जलते कूड़े से उठते धुएं से सांस लेना भी दूभर हो जा रहा है. हॉस्टल में रहनेवाले छात्र इसके चलते अक्सर बीमार हो जाते है. इसको लेकर छात्रों द्वारा भी कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन उनकी भी सुनवाई नहीं हुई. इस गंदगी से छात्र शारीरिक के साथ मानसिक रोगी भी हो रहे हैं.
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