भभुआ सदर. नगर पर्षद भभुआ में दो अप्रैल बुधवार को आयोजित होनेवाली सामान्य बैठक एक बार फिर से अपरिहार्य कारणों से रद्द कर दी गयी. अब अगली बैठक 11 अप्रैल को होगी. गौरतलब है कि पिछले साल आठ अगस्त को नगर पर्षद में सामान्य बैठक हुई थी. इसके बाद से आठ बार अपरिहार्य कारणों का हवाला देकर बैठक को रद्द किया जा चुका है. इसको लेकर पार्षदों में उबाल है और लगातार सातवीं बार अपरिहार्य कारणों से बैठक रद्द किये जाने पर वार्ड पार्षद परमानन्द केसरी ने निर्वाचन आयोग, नगर विकास व आवास विभाग और विभागीय मंत्री को इ- मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मुख्य पार्षद पर बिहार नगरपालिका संशोधित अधिनियम का उल्लंघन करते हुए मनमानी करने का आरोप लगाया है. भेजे गये पत्र में पार्षद का कहना था कि नगर पर्षद भभुआ के मुख्य पार्षद के द्वारा 23 जनवरी 2025 से दो अप्रैल 2025 तक लगातार सात बैठकों को केवल अपरिहार्य कारणों से रद्द किया जा चुका है. जबकि, इसके पूर्व नगर पर्षद की सामान्य बैठक आठ अगस्त 2024 को आयोजित हुई थी. इसके बाद 23 जनवरी, 5 फरवरी, 19 फरवरी, 27 फरवरी, आठ मार्च, 20 मार्च और दो अप्रैल को आयोजित होनेवाली बैठक को रद्द की जा चुकी है. और अब अगली सामान्य बैठक पुनः 11 अप्रैल को बुलायी गयी है. केवल अपरिहार्य कारणों से रद्द की जा रहीं बैठकें पार्षदों का आरोप है कि मुख्य पार्षद ने केवल अपरिहार्य कारणों से सात बार बैठक को रद्द किया जा चुका है. जबकि नगरपालिका अधिनियम की धारा 48 में स्पष्ट उल्लेखित है कि नगरपालिका अपने कार्य के संचालन के लिए प्रत्येक महीने कम से कम एक बैठक अवश्य करेंगे. लेकिन, मुख्य पार्षद द्वारा नगर पर्षद के इस कार्यकाल में आठ अगस्त 2024 को सामान्य बैठक हुई थी. इसके छह माह बाद 23 जनवरी 2025 को बैठक बुलायी गयी, लेकिन उसे भी मुख्य पार्षद द्वारा केवल अपरिहार्य कारणों से सात बार से रद्द कर दी जा रही है. बिहार नगरपालिका संशोधित अधिनियम 2022 की धारा 25(4) में भी स्पष्ट प्रावधान है कि मुख्य और उप मुख्य पार्षद और पार्षद बगैर समुचित कारणों के तीन लगातार बैठकों से अनुपस्थित रहने या जान बुझ कर इस अधिनियम के अधीन अपने कृत्यों व कर्तव्यों को करने से इंकार या उपेक्षा करता है, तो उसे उसके पद से हटाया जा सकता है. मुख्य पार्षद द्वारा इन अधिनियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है. पार्षद ने मामले में कार्रवाई की मांग की है.
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