भभुआ कार्यालय. मुख्य सचिव के द्वारा प्रत्येक सप्ताह बनारस-रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण की दिशा में कार्य प्रगति की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाती है. लेकिन, हाल के दिनों में अधिकारियों के काफी प्रयास के बावजूद एक्सप्रेसवे निर्माण का कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है. दो महीने पहले एक्सप्रेस में निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि पर साफ सफाई व रूट लाइनिंग का काम शुरू हुआ था. लेकिन, कुछ ही दिन बाद जमीन मालिकों के द्वारा मुआवजा को लेकर काम बंद कर दिया गया. इसके बाद से अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है. प्रत्येक सप्ताह मुख्य सचिव के द्वारा एक्सप्रेसवे निर्माण व जमीन अधिग्रहण के प्रगति की समीक्षा की जाती है. लेकिन, इस दिशा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा के बावजूद अपेक्षित प्रगति नहीं होने के बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा सोमवार को स्वयं कैमूर आ रहे हैं. वह एक्सप्रेसवे निर्माण व जमीन अधिग्रहण में आ रही अड़चन की जमीनी हकीकत की जानकारी लेंगे. इसके लिए वह समाहरणालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के साथ-साथ एक्सप्रेसवे निर्माण वाले जमीन पर जाकर जमीन मालिकों के साथ बातचीत कर जमीन अधिग्रहण में आ रही समस्याओं की जानकारी भी ले सकते हैं. इधर, मुख्य सचिव के कार्यालय से कैमूर डीएम को पत्र देकर मुख्य सचिव के कैमूर आने व एक्सप्रेसवे निर्माण सहित विकास के कार्यों व विधि व्यवस्था की समीक्षा किये जाने की जानकारी दी गयी है. इसके बाद जिला प्रशासन मुख्य सचिव के आगमन व समीक्षा बैठक को लेकर तैयारी में जुट गया है.
जिला प्रशासन की कार्रवाई का आदेश भी किसानों के ऊपर दिखा बेअसर
जमीन मालिक कागजात जमा करने में भी नहीं दिख रहे हैं रुचि
जमीन मालिक अधिग्रहित होने वाले जमीन का मुआवजा राशि लेने के लिए जमीन का कागजात जमा करने में भी रुचि नहीं दिख रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि उनके अपेक्षा के अनुकूल उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है, जबकि पिछले दिनों मुआवजे को लेकर लगभग दो साल तक आंदोलन के बाद आर्बिट्रेटर के यहां उक्त मामले में सुनवाई के बाद सर्किल रेट को दोगुना कर दिया गया था. इसके बाद सभी जमीन मालिकों का मुआवजा दोगुना हो गया है. इसके बावजूद जमीन मालिकों का कहना है कि अभी जो मुआवजा करने के बाद निर्धारित किया गया है, वह भी जमीन के वास्तविक मूल्य से काफी कम है. वहीं, सबसे बड़ी आपत्ति जमीन मालिकों की यह है कि भभुआ के आसपास जमीन की कीमत काफी अधिक है, जबकि भभुआ के बगल में स्थित गांव में जमीन की कीमत काफी कम निर्धारित की गयी है. जमीन का किस्म पैदावार एक तरह का होने के बावजूद मुआवजे की राशि में भारी अंतर है. इसके कारण जमीन के मालिक मुआवजा पर असंतोष जताते हुए अपने कागजात मुआवजा की राशि प्राप्त करने के लिए जमा नहीं कर रहे हैं. जबकि, तेजी से जमीन मालिकों के खाते में मुआवजे की राशि भेजी जाये. इसके लिए जमीन मालिकों के द्वारा कागजात जमा नहीं करने की स्थिति में उनके घर पर भी कागजात लेने के लिए राजस्व कर्मचारियों को भेजा जा रहा है. इसके बाद भी जमीन मालिक मुआवजा की राशि प्राप्त करने के लिए कागजात देने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
= पिछले दिनों कमिश्नर के आने के बावजूद कार्य में नहीं हुई कोई प्रगतिपिछले दिनों एक्सप्रेस वे निर्माण में प्रगति लाने के उद्देश्य से पटना के आयुक्त डॉ चंद्रशेखर सिंह भी कैमूर आये थे. उन्होंने किसानों के साथ बैठक भी की थी. इसके बाद अधिकारियों के साथ उन्होंने समीक्षा भी की. उन्होंने किसानों को अपने स्तर से काफी समझाने का भी प्रयास किया. लेकिन, इसका भी कोई खास असर कार्य के प्रगति में देखने को नहीं मिला. इसके बाद एक्सप्रेस में निर्माण में प्रगति को लेकर मुख्य सचिव के यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इनसेटअकोढ़ी में किसानों ने अपना कागजात देने से इंकार किया, खाली हाथ लौटे पदाधिकारीफोटो 40, शिविर में उपस्थित किसान व पदाधिकारी.
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