सर्प का पूजा-अर्चना करने से परिवार की रक्षा और मनोकामनाएं होती है पूर्ण नाग देवता के साथ भगवान भोलेनाथ की भी आराधना करना है शुभ गोगरी. सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 29 जुलाई को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. माना जाता है कि तिथि पर नाग देवता और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यत्ति को काल सर्प दोष से राहत मिल सकती है. ऐसी मान्यता है कि नाग देवता के पूजा-अर्चना करने से परिवार की रक्षा और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. बड़ी दुर्गा मंदिर जमालपुर के पुजारी पंडित मनोज झा ने बताया कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 28 जुलाई को रात 11 बजकर 24 मिनट पर हो रहा है. ऐसे में नागपंचमी का पर्व मंगलवार 29 जुलाई को मनाई जाएगी. नाग पंचमी के दिन नाग देवता के साथ-साथ भगवान भोलेनाथ की आराधना करना भी काफी शुभ माना जाता है. इस दिन शिवलिंग का कच्चे दूध से अभिषेक करना चाहिए. इसी के साथ नाग पंचमी के दिन जरूरतमंदों को दान आदि करना भी काफी शुभ माना गया है. अगर किसी व्यक्ति को कालसर्प दोष सता रहा है, तो इसके लिए उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और उनके मंत्रों का जप करना चाहिए. इससे जातक को कालसर्प दोष से राहत मिल सकती है. बताया कि हिंदू धर्म में प्राचीन काल से नागों का विशेष स्थान हैं. इनके पूजन से सुरक्षा और समृद्धि के साथ सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन गृह द्वार के दोनों तरफ गाय के गोबर से सर्पाकार आकृति बना जल चढ़ाया जाता हैं. इसके साथ ही मिट्टी के बर्तन में गाय का दूध रख धान का लावा, पुष्प, कुमकुम चढ़ाकर विधिवत पूजन की जाती हैं.
संबंधित खबर
और खबरें