गोगरी. बदलते डिजिटल युग में बच्चों के बीच बढ़ते साइबर अपराध और नशे की लत को देखते हुए अब स्कूल की छात्राएं इस लड़ाई की अग्रदूत बनेंगी. जिले के सभी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों से 9वीं से 12वीं तक की दो-दो छात्राओं का चयन कर उन्हें साइबर हाइजीन और डिजिटल साक्षरता के लिए ब्रांड एंबेसेडर बनाया जायेगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार गोंड ने बताया कि इन बेटियों को एससीईआरटी, यूनिसेफ और बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा तैयार कोर्स मॉड्यूल के आधार पर साइबर क्राइम, ऑनलाइन सुरक्षा, नशामुक्ति और डिजिटल नागरिकता जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि जुलाई से यह प्रशिक्षण जिले में शुरू होगा. चयनित छात्राएं न केवल अपने-अपने स्कूलों में साइबर जागरूकता कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगी, बल्कि प्रखंड स्तर पर मॉनिटरिंग की भी जिम्मेदारी निभायेंगी. इन्हें डिजिटल साक्षरता के तहत शोध कौशल, मीडिया साक्षरता, सामग्री निर्माण, वीडियो कांफ्रेंसिंग और सुरक्षित इंटरनेट व्यवहार जैसे विषयों पर व्यावहारिक ट्रेनिंग दी जायेगी. नशे के खिलाफ भी उठेगी आवाज 2018 के बाद से स्कूली बच्चों में नशे की लत बढ़ने के आंकड़े चिंताजनक रहे हैं. इसको देखते हुए इन ब्रांड एंबेसेडर बेटियों को नशामुक्ति जागरूकता अभियान का भी हिस्सा बनाया गया है. वे बच्चों के बीच संवाद के माध्यम से नशे के दुष्प्रभाव समझायेंगी और सही विकल्प चुनने को प्रेरित करेंगी. खगड़िया जिले की बेटियां अब केवल शिक्षा में ही नहीं, डिजिटल दुनिया में भी मार्गदर्शक बनेंगी. जब साइबर स्पेस में सुरक्षित रहने का संदेश इन्हीं के उम्र की बच्चियों से मिलेगा, तो उसका असर भी गहरा और स्थायी होगा. यह अभियान न केवल तकनीकी जागरूकता बढ़ायेगा, बल्कि बेटियों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बनायेगा.
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