सूर्यगढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कार्यकर्ताओं को बेवजह परेशान करने तथा लूट-खसोट के विरोध में मंगलवार से आशा कार्यकर्ता थी धरने पर
बुधवार की अपराह्न प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से वार्ता के बाद आशा कार्यकर्ताओं ने अपना समाप्त किया धरना
सूर्यगढ़ा. बिहार राज्य राजपत्रित कर्मचारी महासंघ सेवांजलि से संबद्ध इकाई बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ सेवा सेवांजलि के बैनर तले आशा कार्यकर्ताओं का धरना कार्यक्रम दूसरे दिन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ वाईके दिवाकर से वार्ता के बाद समाप्त हो गया. आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि कोई न तो सरकारी कर्मी है और न ही संविदा कर्मी. उन्हें उनके काम के बदले सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दिया जाता है. ऐसे में उन्हें 25 जून 2025 से 26 जुलाई 2025 तक निर्धारित मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में लगाया गया है. इसके लिए उन्हें अलग से कोई पारिश्रमिक नहीं दी जा रही है. संघ के विरोध के बावजूद उन्हें इस कार्य में लगाया गया. निर्वाचन कार्य के चलते विलंब से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने पर उनका नाम संबंधित पंजी पर नहीं चढ़ाया जा रहा है. जिससे वे प्रोत्साहन राशि से भी वंचित हो रही हैं. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि दुर्भाग्य है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ क्षेत्र पदाधिकारी की मनमानी के चलते आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि से वंचित होना पड़ता है, साथ ही निर्वाचन विभाग द्वारा भी किसी प्रकार का भत्ता नहीं दिया जाता है. सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकर्ता के माध्यम से आने वाले लाभार्थी का आर्थिक शोषण हो रहा है. जिससे आशा कार्यकर्ताओं को अक्सर डांट-फटकार सुनना पड़ रहा है. उसे पर रोक लगाया जाय. आशा कार्यकर्ताओं की मांग थी कि उनके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य सूर्यगढ़ा एक अलग कमरे की व्यवस्था हो तथा आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन राशि का ससमय में भुगतान किया जाय.
दूसरे दिन अपराह्न 3 बजे हुई वार्ता
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