शहर जाने के लिए नाव ही सहारा
गंगा का पानी दियारा क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है और इसका असर कृषि व्यवस्था पर पड़ रहा है. किसानों को शहर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. सीधे तौर पर कहें तो किसानों को अपनी जान जोखिम में डालकर बड़हिया बाजार और अन्य स्थलों तक पहुंचना पड़ा रहा है. दियारा की भदई फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं. परवल, कद्दू, करैला, भिंडी, खीरा जैसी सब्जियां पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं. फसलें तैयार होने की स्थिति में थीं, लेकिन अब भारी आर्थिक नुकसान तय है.
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जिला प्रशासन द्वारा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तटवर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है. संभावित प्रभावित गांवों की पहचान हो चुकी है और राहत कार्यों की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. नावों की व्यवस्था, राहत सामग्री और अस्थायी शिविरों की तैयारी शुरू हो चुकी है, ताकि आपात स्थिति में जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जा सके. बता दें कि मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बारिश की गति तेज होने की संभावना जताई है. प्रशासन की तऱफ से लोगों से सतर्क रहने और जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है.
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