विकास कार्यों में बाधा का आरोप, लाइट व्यवस्था व कूड़ा प्रबंधन पर उठे सवाल बड़हिया. नगर परिषद बड़हिया के सामान्य बोर्ड की बैठक शनिवार को परिषद कार्यालय स्थित सभागार में नगर परिषद की सभापति डेजी कुमारी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी रवि कुमार आर्य सहित नगर परिषद क्षेत्र के कुल 20 में से 20 वार्ड पार्षद व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे. बैठक का मुख्य मुद्दा नगर क्षेत्र में ठप पड़े विकास योजनाएं, एलईडी लाइट व्यवस्था की बदहाली और कचरा प्रबंधन की स्थिति रही, जिसे लेकर बोर्ड सदस्यों ने कार्यपालक पदाधिकारी से तीखे सवाल किये. बैठक में सबसे बड़ा घटनाक्रम तब सामने आया जब नगर परिषद की सभापति डेजी कुमारी ने खुद कार्यपालक पदाधिकारी रवि कुमार आर्य के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के निर्देश पर ईओ नगर क्षेत्र के विकास कार्यों में लगातार बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद मतदान कराया गया, जिसमें कुल 16 वार्ड पार्षदों ने निंदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि चार ने इसका विरोध किया. बहुमत से यह प्रस्ताव पारित कर लिया गया, इससे परिषद और प्रशासनिक पदाधिकारी के बीच तनातनी और स्पष्ट हो गयी. बैठक में नगर परिषद क्षेत्र के मुख्य मार्गों और मोहल्लों में महीनों से बंद पड़ी एलईडी स्ट्रीट लाइट और तिरंगा लाइट की स्थिति को लेकर पार्षदों ने नाराजगी जतायी. पार्षदों ने कहा कि नगर की सड़के रात में अंधेरे में डूबी रहती हैं, जिससे दुर्घटनाओं और आपराधिक घटनाओं की आशंका बढ़ गयी है. इसपर कार्यपालक पदाधिकारी ने जानकारी दी कि लाइट सुधार की जिम्मेदारी जिन एजेंसियों को दी गयी थी, उन्हें चार बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक वे नगर में आकर मरम्मत का कार्य शुरू नहीं कर सके हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि स्थानीय स्तर पर मेंटेनेंस कर मरम्मत करायी जायेगी और भुगतान नगर परिषद करेगा. बैठक में पार्षदों ने नगर परिषद क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थलों की अनदेखी का भी मुद्दा उठाया, खासकर राजा जी ठाकुरबाड़ी की घेराबंदी और ऐतिहासिक हाहा बंगला के जीर्णोद्धार कार्य अब तक शुरू नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की गयी. सभापति सहित कई पार्षदों ने कहा कि ये स्थल न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनसे नगर की पहचान जुड़ी हुई है. इसपर ईओ ने जवाब दिया कि परिषद के पास फिलहाल ऐसी योजनाओं के लिए आवश्यक राशि उपलब्ध नहीं है, इसलिए कार्य लंबित है. बैठक में नगर क्षेत्र में कूड़ा-कचरा प्रबंधन की खस्ता हालत पर भी चर्चा हुई. कई पार्षदों ने शिकायत की कि कूड़ा उठाव के लिए ट्रॉली खरीद की प्रक्रिया शुरू की गयी थी, लेकिन टेंडर रद्द कर दिया गया. इस पर कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि ट्रॉली की कीमत अपेक्षा से अधिक थी, जिससे परिषद को आर्थिक भार पड़ता.उन्होंने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही पुनः उचित मूल्य पर निविदा निकालकर ट्रॉली खरीदी जायेगी ताकि सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके. बैठक में शहर के जलजमाव, ड्रेनेज व्यवस्था, पेयजल संकट, नाला निर्माण, शौचालयों की स्थिति, विद्यालयों की साफ-सफाई तथा सामुदायिक भवनों के मरम्मत जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गयी. पार्षदों ने कहा कि जनता नगर परिषद से उम्मीदें रखती है और हमें जवाबदेह बनना होगा. बैठक में उपसभापति गौरव कुमार, वार्ड पार्षद रामकी देवी, अमित शंकर, प्रेमचंद सिंह, प्रभा देवी, रिंकू देवी, आभा देवी, श्यामा देवी, हीरा देवी, पूजा देवी, पुन्नी देवी, उषा देवी, अविनाश कुमार, मृदुला देवी, रोहित कुमार, अवध सिंह, रानी देवी, नूतन देवी, वरीय लिपिक मृत्युंजय कुमार ‘मुन्ना’, जितेंद्र कुमार सहित कई अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे.
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