बड़हिया. बड़हिया के चंदन कुमार झा लगातार 29 वर्षों से सावन माह में कांवर यात्रा कर रहे हैं. हर साल की भांति इस बार भी वे अपने हाथों से सजे-संवरे कांवर के साथ देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए रवाना हुए. यह यात्रा उनके लिए सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि श्रद्धा और आत्मिक संतोष का मार्ग है. रविवार की सुबह उन्होंने बड़हिया के सुप्रसिद्ध जगदंबा मंदिर में पूजा-अर्चना की. पूजा के उपरांत ढोल-बाजे और हर-हर महादेव के जयकारों के साथ नगर भ्रमण की शुरुआत की. चंदन की दो पुत्री, मित्र व सहयोगी उनके साथ कांवर यात्रा में शामिल हुए. कांवर को रात्रि में चमकने वाली लाइट, रंग-बिरंगी सजावट और धार्मिक झंडों, रामलला व भोलेनाथ की तस्वीरों से सजाया गया है, जिसे देखकर राहगीर रुककर दर्शन करते दिखे. नगर भ्रमण के बाद चंदन झा बड़हिया रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां से वे ट्रेन द्वारा सुल्तानगंज के लिए रवाना हुए. सुल्तानगंज पहुंचकर वे उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरते हैं. 105 किलोमीटर की पदयात्रा कर देवघर पहुंचते हैं. वहां बाबा बैद्यनाथ के ज्योतिर्लिंग पर जलार्पण के पश्चात यह यात्रा पूरी होती है. चंदन झा के जीवन में कांवर यात्रा वार्षिक कार्यक्रम नहीं, आध्यात्मिक साधना है. वर्ष 1996 से वे हर साल सावन माह में यात्रा पर जा रहे हैं. क्षेत्र में लोग उन्हें श्रद्धा से भोलेनाथ का सच्चा सेवक कहते हैं. चंदन झा की यात्रा को लेकर बड़हिया में विशेष उत्साह देखा गया. नगर वासियों के बीच यह यात्रा आस्था का पर्व बन गयी है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और सुरक्षित यात्रा की कामना की.
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