राज्य सरकार का महिला संवाद कार्यक्रम गांवों में सामाजिक परिवर्तन की एक नयी इबादत लिख रही है. विशालकाय बरगद के नीचे या फिर गांव की चौपाल पर विकसित बिहार के गांवों में विकास की धारा को गति प्रदान करने के लिए कार्य योजना आकार ले रही है. घर की चौखट से बाहर निकलकर सामाजिक मर्यादाओं का अनुपालन करते हुए गांव की बहुरिया अपनी सासु मां के साथ अपने बच्चों के लिए सुनहरे भविष्य का निर्माण कर रही है. राज्य सरकार ने गांव की महिलाओं व बेटियों को संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में मिली सफलता और फिर सामूहिक स्तर पर गांव के विकास तथा महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन के लिए किये जाने वाले कार्यों को सूचीबद्ध करने के लिए एक अवसर दिया है.जिसे महिला संवाद नाम दिया गया है. महिला संवाद कार्यक्रम अब एक बड़े मौन क्रांति की ओर अग्रसर है जहां से सशक्त महिला-सशक्त समाज का ताना-बाना तैयार हो रहा है. जिले के हलसी, बड़हिया, चानन, लखीसराय सदर एवं सूर्यगढ़ा प्रखंड में प्रतिदिन दो पाली में महिला संवाद कार्यक्रम आयजित किया जा रहा है. प्रतिदिन 10 महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. जहां प्रति संवाद कार्यक्रम ढाई सौ से अधिक महिलायें एवं छात्राएं अपनी सहभागिता दिखा रही हैं. पिछले 18 अप्रैल से जारी महिला संवाद कार्यक्रम में शुक्रवार तक 70 हजार से अधिक महिलाओं एवं छात्राओं ने शिरकत की है.
ग्रामीण महिलाएं खुलकर रख रहीं अपनी बात
महिला संवाद कार्यक्रम में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से लाभान्वित महिलाएं व छात्राएं, नौकरी प्राप्त युवतियां, जीविका दीदियां, निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रतिनिधियां, खेल-कूद से जुडी छात्राएं और सामाजिक कार्यों से जुड़ी महिलाएं शिरकत कर रही हैं. जिसमें आमंत्रित महिलाएं एवं सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हुई महिलाएं एवं छात्राएं अपने अनुभवों को साझा कर रही हैं और सरकारी योजनाओं की पहुंच, उनकी उपयोगिता और संभावित सुधारों पर भी विस्तार से चर्चा कर रही हैं. संवाद सत्रों में ग्रामीण महिलाओं ने खुलकर अपने विचार रखीं. विधवा एवं वृद्धा पेंशन की राशि बढ़ाने की आवश्यकता, गांवों में महाविद्यालयों की स्थापना, सड़क संपर्क को बेहतर बनाने, नियमित सरकारी परिवहन सेवाओं की उपलब्धता, स्वरोजगार के लिए कौशल प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता की आवश्यकता, किशोरियों द्वारा खेल मैदान, विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षकों की उपलब्धता और पुस्तकालयों की स्थापना आदि की मांग की जा रही है. कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी स्वयं भी महिलाओं की मांग को दर्ज कर उन्हें उनकी मांग को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं. शुक्रवार को आयोजित महिला संवाद कार्यक्रमों में उठी प्रमुख मांगों में चानन के प्रसिद्ध जलप्पा स्थान में धर्मशाला निर्माण एवं लखीसराय सदर समेत अन्य प्रखंडों में भी महिलाओं ने सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र की मांग की है. शुक्रवार को लखीसराय सदर में मां ग्राम संगठन द्वारा कछियाना गांव में एवं बजरंगबली ग्राम संगठन द्वारा बिलौरी गांव में, बड़हिया में देवकी ग्राम संगठन दवारा खुटहा पूर्वी गांव में एवं दर्पण ग्राम संगठन द्वारा गंगसराय गांव में, सूर्यगढ़ा में नयन ग्राम संगठन द्वारा सुर्यपुरा गांव में एवं नारी शक्ति ग्राम संगठन द्वारा कावा राजपुर गांव में, हलसी में उजाला ग्राम संगठन द्वारा मोहद्दीनगर गांव में एवं भारती ग्राम संगठन द्वारा धीरा गांव में तथा चानन में संगम ग्राम संगठन द्वारा गोहरी एवं विश्वास ग्राम संगठन द्वारा खुतुकपुर गांव में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
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