जिले में शुक्रवार की देर शाम रात तक हुई आफत की बारिश की वजह से किऊल नदी उफान मार रही है. वहीं लगातार एक सप्ताह बारिश के कारण चारों ओर पानी ही पानी हो चुका है. कई संपर्क पथ भंग हो चुका है. किसानों के धान के फसल का खेत पूरी तरह डूब चुका है. दो चार दिन और बारिश होने से किसान के धान का फसल को नुकसान पहुंच सकता है. कई किसान इस बारिश में हो धान की रोपनी कराया है. हाल ही के धान की रोपनी होने धान पौधा गल भी सकता है. जिससे किसानों को काफी क्षति भी पहुंच सकती है. किसानों को पानी से डूबे फसल को बचाने को लेकर पानी निकासी का भी तरीका नहीं बचा है. जिससे कि किसान बेबस महसूस कर रहे हैं. वहीं किऊल नदी के तेज बहाव के कारण कई सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थान की चाहरदीवारी का अस्तित्व खतरे में आ चुका है. भारी बारिश व नदी के तेज बहाव के कारण कई संपर्क पथ भी भंग हो चुका है.
पथला घाट के किनारे बसे महादलित फिर से हो गये बेघर
पथला घाट के किनारे बसे महादलित फिर से बेघर हो चुके हैं. कुछ कुछ लोग रैन बसेरा कुछ लोग मंदिर के पास ऊंचे स्थान पर प्लास्टिक की छावनी बनाकर अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ रहने के लिए मजबूर हैं. जिला प्रशासन इन बेघर दलित का कोई सुध नहीं ले रही है. जिससे कि जिला प्रशासन के नाम सुनते ही पथला घाट के किनारे बसे महादलित भड़क उठते हैं. जबकि नया बाजार सूर्यनारायण घाट किनारे जमीन खरीदकर बसे लोगों के घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
शुक्रवार को पूरी रात बरसते रहा पानी, जिससे यह रात कयामत की रात बनी रही
किऊल नदी की जलधारा मुड़कर खगौर एवं गढ़ी बिशनपुर के बगीचा की ओर होने लगी है. जिससे कि नवनिर्मित सेंट्रल स्कूल तथा मध्य माध्यमिक एवं माध्यमिक उच्चतर विद्यालय के पिछले हिस्सा के दीवार से सटकर नदी की पानी का बहाव होना शुरू हो गया है. इधर, तेतरहट थाना के चारदीवारी होकर नदी का पानी का बहाव हो रहा है. जहां मिट्टी का कटाव होने से चारदीवारी पर खतरा उत्पन्न होता दिख रहा है.
दियारा क्षेत्र के लोगों का नदी के जलस्तर से फिर बढ़ी मुश्किल
दियारा क्षेत्र के लोगों का किऊल नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण फिर से मुश्किल बढ़ चुकी है. किऊल नदी से सटे रहाटपुर, रामनगर, रामचंद्रपुर आदि जगहों के लोगों के घर एवं खेत में पानी प्रवेश कर चुका है. पानी के बहाव से अधिक परेशानी पशुचारा के लिए समस्या उत्पन्न हुई है.
बोले अधिकारी
जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शशि कुमार ने कहा कि किऊल नदी के जलस्तर में शनिवार को बढ़ोतरी हुई है. जिससे कि लोगों का कुछ परेशानी बढ़ी है, लेकिन पिपरिया वलीपुर से रामपुर तक आने वाली सड़क के आगे अभी तक पानी नहीं बढ़ा है. नदी के जलस्तर में कमी नहीं आयी तो रविवार से राहत अभियान शुरू किया जायेगा.
गढ़ी बिशनपुर महादलित के घर में किया बारिश का पानी प्रवेश
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कजरा में आयी आफत की बारिश, रेल प्रशासन की लापरवाही से पुल में पानी का जमाव
बारिश का पानी बाजार के दुकानों व घरों में घुसा
रात्री लगभग पौने बारह बजे से ही दुकानों और घरों में पानी घुसने लगा. वहीं बासुदेवपुर चौक के आसपास के दुकानों व घरों में पानी घुसा. जबकि पोस्ट ऑफिस गली पानी से लबालब हो गया. कजरा दुर्गा स्थान का प्रांगण भी पानी से लबालब भर गया, हालांकि लगभग चार घंटे बाद पानी निकलने के कारण लोगो को राहत मिली.
रेलवे नहीं हुआ बाधित
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कजरा-उरैन मुख्य पथ क्षतिग्रस्त होने से सात गांवों का संपर्क टूटा
तेज आवाज से दहशत, ग्रामीणों की टूटी नींद
शुक्रवार की रात लगभग 12 बजे आजादनगर के पास सड़क के नीचे लगा बम्मा पानी के तेज बहाव में बह गया. आजादनगर के लोगों ने बताया बम्मा बह जाने के बाद काफी देर तक सड़क हवा में झूलता रहा. काफी देर बाद सड़क का हिस्सा तेज आवाज के साथ पानी में समा गया. धमाके जैसी आवाज सुनकर आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आये और घटनास्थल पर इकठ्ठा हो गये.
सड़क क्षतिग्रस्त होने से सात गांवों का टूटा संपर्क
सुबह से ही ग्रामीणों की देखी जा रही भीड़
शनिवार की सुबह से ही घटनास्थल पर भारी संख्या में ग्रामीण जमा हो गये और प्रशासन से जल्द से जल्द वैकल्पिक मार्ग एवं सड़क की मरम्मती की मांग करने लगे. ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह हादसा दिन में होता तो बड़ा जानमाल का नुकसान हो सकता था. इस सड़क पर पूरे दिन बाइक, चार चक्का गाड़ी, ट्रैक्टर से लेकर सवारी गाड़ी चलती रहती है.
जल्द होगा मरम्मत का कार्य
वैकल्पिक मार्ग भी पानी से डूबा
रेलवे द्वारा समपार फाटक को हटाने के लिए सब-वे का निर्माण कराया गया. जिससे लोगों को आसानी से इस पार से उस पार आना जाना हो सके, परंतु वह भी पानी से लबालब भरा हुआ है. वर्तमान समय में सब-वे में रास्ता बनाने का कार्य जारी है.
सड़क क्षतिग्रस्त होने से आवागमन प्रभावित
बोले अभियंता
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