पुलिस अनुसंधान के दौरान मृतक की पत्नी का ही नाम हत्या कराने में आया था सामने21 जनवरी 2025 को गया-हावड़ा एक्सप्रेस में अपराधियों ने धर्मेंद्र साव की गोली मारकर की थी हत्या
लखीसराय.
विगत 21 जनवरी को गया-हावड़ा एक्सप्रेस में हुए धर्मेंद्र साव हत्याकांड में शुक्रवार को किऊल जीआरपी की पुलिस ने तेतरहाट थाना की पुलिस की मदद से महिसोना गांव में अप्राथमिकी अभियुक्त मृतक की पत्नी आरती के घर पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई की.कुर्की के दौरान जीआरपी ने आरोपित के घर का दरवाजा समेत उखाड़ लिया. पुलिस ने घर का सारा सामान जब्त कर उसकी सूची तैयार की. इस दौरान जीआरपी थाना की पुलिस के साथ तेतरहाट थाना की पुलिस भी शामिल थी. किऊल जीआरपी थानाध्यक्ष मो नसीम अहमद ने बताया कि किऊल रेल न्यायालय के द्वारा कुर्की जब्ती का आदेश दिया गया था. जिसके आलोक में शुक्रवार को आरोपित आरती कुमारी के घर का कुर्की जब्ती किया गया है. इससे पूर्व आरती देवी को 30 दिनों के अंदर न्यायालय या जीआरपी थाना के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था, लेकिन 30 दिन बीत जाने के बाद भी उनके द्वारा आत्मसमर्पण नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि पिछले दिन 21 जनवरी 2025 को धर्मेंद्र साव की डाउन गया-हावड़ा में किऊल से ट्रेन बढ़ने के बाद वैक्यूम कर कुछ लोगों ने उन्हें गोली मारकर हत्या कर दिया था. बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र साव एवं उसकी पत्नी के बीच न्यायालय में जमीन विवाद को लेकर मुकदमा चल रहा था. धर्मेंद्र साव उक्त मुकदमे के सिलसिले में ही लखीसराय कोर्ट पहुंचा था. इसके बाद उनकी मुलाकात पत्नी आरती देवी से हुई धर्मेंद्र ने अपनी पत्नी आरती को ही बताया था कि वह गया-हावड़ा से जमालपुर होते हुए खगड़िया जायेंगे. धर्मेंद्र को उनके एक रिश्तेदार से काफी जमीन दान में मिली थी जिसे वह बेच रहा था. जिस बात को लेकर उसकी पत्नी को नागवार गुजरी जिसके कारण वह लखीसराय कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया था. धर्मेंद्र की हत्या के बाद मृतक की पत्नी आरती के फर्द बयान पर महिसोना पंचायत के पूर्व मुखिया प्रवीण भारती एवं वर्तमान पैक्स अध्यक्ष दिगम सिंह सहित आधा दर्जन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था, लेकिन पुलिस को शक हुआ कि इस हत्याकांड में नामजद अभियुक्त शामिल नहीं है. उन्होंने अपने सीनियर अधिकारी से बातचीत कर इसकी अनुसंधान शुरू किया. अनुसंधान में पत्नी ही पति की हत्या का मुख्य आरोपी के रूप में सामने आयी. पत्नी आरती ने ही अपने भाई और अन्य संबंधियों से मिलकर अपने पति की हत्या करवा दी थी. थानाध्यक्ष मोहम्मद नसीम अहमद ने बताया कि अनुसंधान के दौरान कुल सात अभियुक्त पुलिस के दायरे में आये. जिसे अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया. इनमें से कुल छह अभियुक्तों को पुलिस पहले गिरफ्तार कर चुकी है. जिसमें पांच अभियुक्त बड़हिया का निवासी है. शेष दो लखीसराय जिले का है. जबकि मृतक की पत्नी अभी तक फरार चल रही थी. जिसे 30 दिन का समय दिया गया था. 30 दिन के अंदर आत्मसमर्पण नहीं करने पर शुक्रवार को उनके घर कुर्की जब्ती की गयी है. अभी तक मृतक की पत्नी फरार चल रही है.
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