15 दिनों की भीतर पूर्व में आंगनबाड़ी सेविका द्वारा दिया जाता था जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र
चक्कर
लखीसराय.
जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए सरकार की अस्थिर नियमों से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को सरकार के बार-बार नियम बदले जाने के कारण समस्याओं से जूझना पड़ता है. अबतक पांच से अधिक बार जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के नियम बदले जा चुके हैं. सबसे पहले 15 दिन के अंदर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र गवाहों के आधार पर निर्गत आंगनबाड़ी के सेविका द्वारा किया जा रहा था, लेकिन अब इस नियम को भी समाप्त कर दिया गया है. बीच में पंचायत सेवक द्वारा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का निर्गत करने का सभी जिला को आदेश प्राप्त हुआ था. उसे भी समाप्त कर दिया गया. बार-बार नियम को बदलने के कारण लोगों को बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र व परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए ऐंड़िया रगड़ना पड़ता है. फिर पंचायत सचिव से भी अब यह प्रमाण निर्गत करने का आदेश को समाप्त करते हुए प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी को दे दिया गया. प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी आंगनबाड़ी व मुखिया के साथ-साथ पंचायत सचिव से अनुशंसा के उपरांत ही जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करते थे. आवेदक से शुरुआत की दौड़ में अनुमंडल दंडाधिकारी से शपथ पत्र के साथ आवेदन लेते थे, जिसे बाद में लोगों की परेशानी को देखते हुए नॉटरी का शपथ पत्र लेने लगे. वर्तमान में निबंधन निदेशालय ने एक नया आदेश जारी किया है कि अब पंचायत स्तर पर ही पंचायत सेवक द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अवर निबंधन पदाधिकारी रामबालक यादव का कहना है कि उन्हें ऊपर से जो आदेश प्राप्त है उसका पालन किया जा रहा है. वे अपने आला अधिकारी के आदेश के अनुसार कार्य कर रहे हैं.पंचायत की मैपिंग कर निदेशालय को उपलब्ध कराने का निर्देश
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है