Bihar: मधुबनी जिले के बाबूबरही थाना क्षेत्र में एक दशक पुराना दहेज हत्या का मामला बुधवार को अदालत में अपने अंजाम तक पहुंच गया. अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय ललन कुमार की अदालत ने सुमन कुमारी की हत्या के मामले में उसके पति रमाशंकर महतो को दोषी पाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 304बी के तहत 7 वर्ष की सजा सुनाई है.
क्या है पूरा मामला?
सरकारी पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार ने अदालत में बताया कि रमाशंकर महतो ने फुलपरास थाना क्षेत्र के हरियरी निवासी घनवंती देवी की बेटी सुमन कुमारी से 3 साल पहले प्रेमजाल में फंसा कर शादी की थी. शादी के कुछ समय बाद ही रमाशंकर सुमन से दहेज में एक लाख रुपये और एक बाइक की मांग करने लगा.
जब सुमन की ओर से दहेज नहीं मिला, तो रमाशंकर उसे लगातार प्रताड़ित करने लगा. परिजनों ने पंचायत के जरिए मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आखिरकार, दहेज न मिलने पर सुमन की हत्या कर दी गई.
कब दर्ज हुई थी FIR?
घटना के बाद सुमन की मां घनवंती देवी ने 10 जून 2014 को बाबूबरही थाना में FIR दर्ज कराई थी. इसमें रमाशंकर महतो को नामजद आरोपी बनाया गया था. मुकदमा करीब 10 साल तक चला और आखिरकार अब जाकर फैसला आया है.
सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक संजय कुमार ने अदालत से मांग की कि आरोपी को अधिकतम सजा दी जाए. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता ब्रजनंदन झा ने दलील दी कि आरोपी को कम से कम सजा दी जाए. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने रमाशंकर महतो को 7 साल की सजा सुनाई.
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