फोटो: 105 परिचय: वाट्सन स्कूल के समीप सड़क किनारे लगी फास्ट फूड की दुकान …… के के पुट्टी …… मधुबनी . शहर मे बीते कुछ दिनों में फास्ट फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है. शाम होते ही शहर के हर चौक चौराहा पर फास्ट फुड की दुकान सज जाती हैं. चिकित्सकों ने बताया है कि फास्ट फूड जितना अधिक खाने में चटपटा लगता है वह उतना ही शरीर के लिये घातक है. शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. नीरज कुमार बताते हैं कि फास्ट फूड एक साथ कई बीमारियों को आमंत्रित करता है. कैंसर, सर्वाइकल, गैस, आंख की समस्या, पेट की गड़बड़ी का यह प्रमुख कारण माना जा रहा है. बाजार से मिले आंकड़ों के अनुसार करीब दस लाख से अधिक रुपये का मोमोस, चाउमीन और बर्गर लोग खा लेते हैं. शाम होते ही सज जाती है दुकानें शहर में प्रत्येक दिन शाम होते होते फास्ट फूड की दुकानें सड़क के किनारे लग जाती हैं, जहां फास्ट फूड खाने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है. शहर के वाटसन स्कूल के सामने से लेकर जलधारी चौक तक नियमित रूप से मैजिक गाड़ी पर विभिन्न प्रकार के फास्ट फूड के सामान से लदी गाड़ी लग जाती है. शहर से मिले आंकड़ों के अनुसार करीब दो से अधिक अस्थायी तौर पर फास्ट फूड की दुकान लगती है. इसमें चाउमिन, बर्गर, पोटैटो चिली, मोमोस, स्प्रिंग रॉल, बर्गर सहित अन्य कई प्रकार के व्यंजन सज जाते हैं. गंगासागर चौक से शंकर चौक तक ठेला पर सड़क के दोनों किनारे दुकान लगाया जाता है. वैसे ही महिला कॉलेज रोड,स्टेशन रोड, बाबूसाहेव चौक पर ठेला व मैजिक गाड़ी पर फास्ट फूड की दुकान लगती हैं. दस लाख से अधिक का मोमोस, चाउमीन खाते हैं लोग प्रत्येक दिन दस लाख से अधिक रुपये का मोमोस, चाउमिन, स्प्रिंग रॉल और बर्गर सहित अन्य फास्ट फूड की बिक्री हो रही है. ठेला पर दुकान करने वाले राजेश साह बताते हैं कि चार बजे से रात नौ बजे तक वे दुकान चलाते हैं. कभी पांच हजार तो कभी सात हजार तक की बिक्री हो जाती है. जबकि मैजिक गाड़ी पर दुकान लगने वाले एक दुकानदार दीपक कुमार बताते हैं कि वे रोजाना पांच हजार से दस हजार रुपये तक की बिक्री करते हैं. क्या कहते हैं चिकित्सक डॉ. नीरज कुमार बताते है कि फास्ट फूड खाने से कई प्रकार की बीमारियों का जन्म हो सकता है. फास्ट फूड शरीर के लिए जहर से भी ज्यादा घातक होता है. फास्ट फूड खाने से मोटापा बढ़ जाता है. लीवर पर इसका असर पड़ता है. इतना ही नहीं फास्ट फूड खाने से सबसे ज्यादा आंख की बीमारी हो रही है. एक तेल या रिफाइन में बार बार कई सामानों को पकाने से वह दूषित हो जाता है. साथ ही फास्ट फूड दुकान में उपयोग होने वाले तेल रिफाइन सस्ते दाम का भी रहता है. आज छोटे छोटे बच्चों को पेट जनित बीमारी ज्यादा हो रही है. इसका मूल कारण पैकेट बंद फास्ट फूड के साथ ही बाजार में मिलने वाला फास्ट फूड सामग्री है.
संबंधित खबर
और खबरें