झंझारपुर. झंझारपुर आरएस में रहने वाले प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. यूएस चौधरी के निधन पर नगर परिषद के बेलारही स्थित सत्संगियों ने श्रद्धांजलि सभा की. इस दौरान उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला गया. बेलारही के विंदनाथ लाल दास ने कहा कि वे मधुर व सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे. डॉ. यूएस चौधरी कुशेश्वर स्थान, दरभंगा के बेरि गांव के मूल निवासी थे. उनकी प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा दरभंगा जिले के नेहरा में हुई थी . यहां उनके पिता सीताराम चौधरी नेहरा उच्च विद्यालय में प्राध्यापक थे. उनका प्रथम पदस्थापना वर्ष 1980 में गोपालगंज में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में हुई. उसी वर्ष डॉ चौधरी झंझारपुर पीएचसी में पदस्थापित हुए. महरैल, झंझारपुर, मरौना में अपनी सेवा देते हुए मधुबनी में जिला मलेरिया पदाधिकारी के पद पर नियुक्त किए गए. उन्हें उनकी चिकित्सीय सेवा में उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए सरकार ने वर्ष 2011 में भागलपुर जिले का सिविल सर्जन का दायित्व सौंपा. वर्ष 2015 में वे बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग से बतौर अतिरिक्त निदेशक पद से सेवानिवृत होकर जन सामान्य की सेवा में जीवन पर्यंत अपनी सेवा देते हुए 72 वर्ष की उम्र में दुनिया से अलविदा हो गए. शोक सभा में डॉ. विमल कुमार शर्मा, रवींद्र लाल दास, राम नंदन लाल दास, अरुण कुमार दास ( बुदूर ) ललित कुमार दास, राजेंद्र केजरीवाल, सुभाष केजरीवाल, प्रदीप कुमार दास, सत्यनारायण साह, अयोध्या साह, सतीश चंद्र दास, कौशल दास, श्याम नारायण दास समेत कई बुद्धिजीवियों शामिल थे. अध्यक्षता प्रोफेसर सत्य नारायण झा ने की.
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