अंधराठाढ़ी. अलपुरा गांव स्थित पीर बाबा मकदूम शाह मजार पर दरगाह मेला में सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी. सुबह से ही फरियादी व लोगों को आना – जाना लगा रहा. यहां लगने वाले दरगाह ( उर्स ) मेला क्षेत्र के प्राचीन मेला में से एक है. प्रेत बाधा मुक्ति के लिए काफी प्रसिद्ध है. मेला बकरीद पर्व से एक दिन पहले लगता है. मान्यता है कि पीर बाबा मकदूम शाह के मजार से आज तक कोई खाली हाथ नही लौटा है, जो भी यहां आकर अपनी झोली फैलाता है, पीर बाबा उसकी मुरादे जरूर पुरी करते हैं. हिंदू व मुस्लिम का यहां कोई भेदभाव नही रहता है. प्रत्येक वर्ष फरियादियों की संख्या बढ़ती जा रही है. बहुत बड़ी संख्या में फरियादी और मन्नत चढ़ाने बाले बाबा के मजार पर जुटते है. बिहार के बाहर से भी लोग भी यहां आते है. प्रेतबाधा से ग्रस्त पीड़ितों को लेकर दूर दूर से लोग आते है. मनौती चढ़ाने वाले लोग यहां बकरे और मुर्गे की कुर्बानी देते हैं. बताया जाता है कि पीर मकदूम साह अपने जमाने के प्रसिद्ध और ख्याति प्राप्त फकीर थे. यहां के उर्स मेला के लिये जमीन मुगल बादशाह ने दी थी. मेला कमिटी के सदस्यों ने बताया कि विधि व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन और मेला कमिटी के लोग सतर्क और तैनात थे. रुद्रपुर थानाध्यक्ष आयशा कुमारी ने कहा कि मेला से एक दिन पहले ही प्रशासन को पूरी तरह तैनात कर दी गई थी. अवसर पर सर्किल इंस्पेक्टर बृजेश मिश्रा, आरओ प्रियंका कुमारी, बीपीआरओ रोहित विक्रांत आदि मौजूद थे.
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