मधुबनी. जिला केंद्रीय पुस्तकालय तिलक चौक पर साहित्यिक साधना स्थली के तत्वावधान में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ. भोलानंद झा की अध्यक्षता, डॉ. विनय विश्व बंधु के संचालन में आयोजित गोष्ठी में डेढ़ दर्जन से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया. समीक्षा रेवती रमण झा ने किया. गोष्ठी की शुरुआत कवि भोलानंद झा की रचना ईश्वरीय नशा सब कुछ भुला देता से हुई. जिससे ईश्वर से हमें जुड़े रहने का संकेत किया. शिवनारायण साह की रचना पाठशाला की ओर कदम बढ़ता चल सराहा गया. कवियित्री अनुपम झा की रचना ””””””””जिंदगी में हर कदम, देखती कठिनाई हू. किसके सर पे ताज हैं और किसने मुंह की खाई है. डॉ. विनय विश्व बंधु की रचना नारी शक्ति बेस महान ने नारी के उस महत्व को दर्शाया, जिसके रहते ही सृष्टि का सृजन संभव हैं. विभा झा विभासित की रचना स्नेहक रंग ने प्रेम की उत्कृष्ट छवि को प्रदर्शित किया. उदय जायसवाल की रचना झील की लहराव में तरंगित किसी की मुस्कुराहट. पूर्व सैन्य अधिकारी दयानंद झा की रचना घटा घनघोर सावन की ने लोगों को सावन जैसे महीने में किस तरह सुखाड़ का अनुभव हो रहा है. अनामिका चौधरी की रचना गुरु पद पुष्प समर्पित ने पंच गुरुओं के महत्व को दर्शाया. कवि गोष्ठी में डॉ. वंशीधर मिश्र, सुभाष चंद्र झा सिनेही, रेवती रमण झा, गोपाल झा अभिषेक, ऋषिदेव सिंह,की रचना को लोगों ने सराहा. चंदेश्वर खां की लघुकथा मोहित खूब सराही गयी. वहीं, भोलानंद झा ने कहा कि साहित्य साधना है. संस्था के अध्यक्ष डॉ. शुभ कुमार वर्णवाल तथा सचिव दयाशंकर मिथिलांचली का साहित्यिक साधना स्थली को प्रगतिशीलता एवं निरंतरता के लिए अहम भूमिका रही. उदय जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन कर गोष्ठी समाप्ति की घोषणा की.
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