मधुबनी. जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जिले में जल संरक्षण को मजबूत बनाने व ग्रामीण इलाकों में पानी की उपलब्धता सुधारने के उद्देश्य से कुल 53 तालाबों व 48 सार्वजनिक कुओं का जल्द जीर्णोद्धार किया जाएगा. वहीं, 10 नये तालाब का निर्माण कराये जाने की योजना है. डिजाइन व परियोजना रिपोर्ट में इन सभी तालाबों एवं कुओं का पुनर्वास शामिल है, ताकि पूरे क्षेत्र में भू–जल स्तर में सुधार हो सके. यह अभियान विशेष रूप से उन तालाबों पर केंद्रित होगा जिनका क्षेत्रफल पांच एकड़ से कम है. प्रत्येक तालाब पर लगभग 50–70 लाख रुपये खर्च कर सतह की खुदाई, चारों ओर ढेर और सुरक्षा दीवार बनायी जाएगी. जिन क्षेत्रों में छठ घाट की आवश्यकता पाई गई है, वहां अतिरिक्त घाट का निर्माण भी किया जाएगा. वहीं कुछ कुओं के जीर्णोद्धार में फिलहाल तक 48 कुओं को चुना गया है. जिनका पुनर्निर्माण एवं साफ–सफाई कर उन्हें उपयोग के योग्य बनाया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में नये जल श्रोतों के सृजन से सबसे अधिक 10 नर्द जल संरचना बनायी जायेगी. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से जल संरचनाओं का विकास किया जा रहा है. इसके अलावा लघु जल संसाधन विभाग की ओर से जल श्रोतों का विकास किया जा रहा है. भले ही नये जल श्रोतों के विकास से जिले में भू-गर्भ जल को मेंनटन रखने में मदद मिलेगी. लेकिन इसका असर शहरी क्षेत्रों में कम देखने को मिलेगी. इसके पीछे कारण है कि बीते वित्तीय वर्ष में अधिकतर नये जल श्रोत का सृजन ग्रामीण क्षेत्रों में ही किया गया. विभिन्न विभागों के समन्वय से जल जीवन हरियाली मिशन की योजनाएं चल रही है. अतिक्रमण की बनी है समस्या कार्य के दौरान अतिक्रमण की समस्याओं का सामना भी करना पड़ा है. कुछ तालाबों के आसपास अवैध कब्जों की जांच के लिए विभागीय कार्रवाई आरंभ हो गई है और अवैध अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इन तालाबों के जीर्णोद्धार से स्थानीय लोगों को स्वच्छ पानी के स्रोत तो मिलेंगे ही, साथ ही चारों ओर पौधारोपण एवं हरी–भरी हरियाली से वातावरण भी शुद्ध बनेगा. यह पहल न सिर्फ पेयजल की समस्याओं से निजात दिलाएगी, बल्कि खेतों की सिंचाई व पशुपालन जैसी ग्रामीण गतिविधियों में भी सहायता करेगी. यह होंगे प्रमुख बिंदु 63 छोटे आकार के तालाब (5 एकड़ से कम) का पुनर्निर्माण 48 सार्वजनिक कुएं का जीर्णोद्धार प्रत्येक तालाब पर 50–70 लाख तक खर्च छठ घाट तथा सुरक्षा बाउंड्री का निर्माण अतिक्रमण हटाने की तत्काल कार्रवाई हरियाली पौधारोपण से स्वच्छ पर्यावरण का निर्माण इस परियोजना के पूरा होने से मधुबनी में जल स्तर में संतुलन बनेगा और ग्रामीणों की जीवनशैली में सुधार आएगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, तालाब और कुओं के ऐसे प्रयास जिले में भू–जल स्तर बढ़ाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
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