मधुबनी. टाउन हॉल में उर्दू निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग बिहार सरकार के निर्देश पर जिला उर्दू भाषा कोषांग व जिला प्रशासन के तत्वावधान में फरोग-ए-उर्दू सेमिनार, मुशायरा और उर्दू कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिले भर से उर्दू भाषा से प्रेम रखने वाले व्यक्तियों, शिक्षकों, विद्वानों, शायरों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. उद्घाटन जिला पदाधिकारी आनंद शर्मा, प्रशिक्षु आइएस अधिकारी विरुपक्ष विक्रम सिंह, अपर समाहर्ता मुकेश रंजन, जिला उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी मेराज अहमद, डीपीआरओ परिमल कुमार एवं अन्य पदाधिकारियों और विशिष्ट अतिथियों ने किया. जिला पदाधिकारी आनंद शर्मा ने संबोधन में उर्दू भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला. वर्तमान समय में इस भाषा को पेश आने वाली चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह आयोजन फ़रोग़-ए-उर्दू केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है. यह उन भावनाओं की अभिव्यक्ति है जो उर्दू भाषा की नज़ाकत, उसकी तहज़ीब और उसकी बेपनाह मोहब्बत को जीवित रखने का कार्य कर रही हैं. उर्दू, एक ऐसी जुबान है जिसमें ग़ालिब की गहराई, इक़बाल की बुलंदी और फ़ैज़ की क्रांति एक साथ सांस लेती हैं. यह वह ज़बान है जो दिल से निकलती है और सीधे दिलों में उतरती है. उन्होंने कहा कि आज जब हम एक ओर तकनीकी युग में प्रवेश कर रहे हैं, तो भाषा की आत्मा को बचाए रखना और भी जरूरी हो जाता है. इस दृष्टि से इस सेमिनार, मुशायरा और कार्यशाला का महत्व और भी बढ़ जाता है. उन्होंने जिला उर्दू भाषा कोषांग मधुबनी को इस सफल और गरिमामय आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी. संचालन मो. मोहतदा और सैयद अमीर मोआविया उर्दू अनुवादक एवं सहायक उर्दू अनुवादक ने निभाया. अकादमिक सत्र एवं शोध-पत्र वाचन कार्यक्रम के प्रथम सत्र में उर्दू भाषा की उन्नति, उसकी समकालीन चुनौतियां और उसके प्रचार-प्रसार की संभावनाओं पर आधारित एक अकादमिक गोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें छह प्रतिष्ठित विद्वानों ने अपने शोधपरक एवं चिंतनशील आलेख प्रस्तुत किए. सैयद सद्र-ए-आलम गौहर (साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त) डॉ. अब्दुल गनी (प्रोफेसर, जेएन कॉलेज, मधुबनी) डॉ. उमर फारूक़ (शिक्षक, गवर्नमेंट स्कूल, बसफी) डॉ. नज्मुल हुदा सानी (मलमल, मधुबनी) डॉ. मोहम्मद हुसैन (शिक्षक, गवर्नमेंट स्कूल, पंडौल) तजम्मुल हुसैन (सकरी, मधुबनी) इन सभी विद्वानों के आलेखों ने श्रोताओं को उर्दू भाषा के अतीत, वर्तमान और भविष्य से जुड़ी बारीकियों से अवगत कराया। छात्रों-छात्राओं ने दी प्रस्तुति कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में छात्रों एवं छात्राओं ने उर्दू भाषा, शिक्षा और वृक्षारोपण जैसे विषयों पर आकर्षक शैली में विचार प्रकट किए. जिसमें स्नेहा कुमारी (पंडौल), अमार खालिद (मंती), उम्मतुल अजीज, मारिया एजाज, रजा इकबाल इनकी उर्दू के प्रति भावनात्मक अभिव्यक्ति और पर्यावरणीय चेतना पर आधारित भाषणों की सराहना की गई. उर्दू मुशायरे का रंगारंग आयोजन कार्यक्रम के तृतीय एवं अंतिम चरण में मुशायरे का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के ख्यातनाम शायरों ने अपनी खूबसूरत शायरी से सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया. मुशायरे में सुल्तान शम्सी, एहसान मकरमपुरी, जफर इनाम हबीबी, सरवर पंडौलवी, मनवर राही, अनवर कमाल उपस्थित थे.
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