Madhubani : मधुबनी . प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत वर्ष 2025 तक टीबी जैसी संक्रामक बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. कार्यक्रम की बेहतरी के लिए सोमवार को सदर अस्पताल स्थित जिला टीबी कार्यालय में जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जीएम ठाकुर की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई. समीक्षा बैठक में चिकित्सकों एवं कर्मियों ने टीबी मुक्त पंचायत का बनाने संकल्प लिया. मौके पर सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर ने कहा कि जिले में जनवरी 2025 से अप्रैल 2025 तक टीबी के 2868 मरीजों को चिन्हित किया गया है. इसमें प्राइवेट में 1559 एवं सरकारी संस्थानों में 1309 मरीजों को चिन्हित किया गया. वहीं अप्रैल माह में टीबी के 648 मरीज चिन्हित किया गया. इसमें प्राइवेट में 364 एवं सरकारी संस्थान में 269 मरीज चिन्हित किये गये हैं. इसमें एमडीआर के 15 मरीजों की पहचान की गई. चिन्हित मरीजों को मुफ्त इलाज के साथ ही मुफ्त दवा दी गई है. उन्होने कहा कि यक्ष्मा विभाग द्वारा टीबी मरीजों की लगातार पर्यवेक्षण एवं निगरानी की जा रही है. सीडीओ ने कहा कि एमडीआर के मरीजों का उपचार 9 माह से 2 साल तक चलता है. उन्होंने कहा कि राज्य के निर्देशानुसार प्रति 1000 पापुलेशन पर 30 लोगों का टीबी का स्क्रीनिंग करना है. उन्होंने कहा कि जिले के 16 प्रखंडों में ट्रूनेट मशीन से टीबी की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिले में टीबी मरीजों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण अधिकतर मरीजों द्वारा बीच में ही इलाज एवं नियमित रूप से दवा का सेवन करना छोड़ देते हैं. इसके लिए विभाग द्वारा निक्ष्य मित्र योजना की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत टीबी मरीजों को निक्ष्य मित्र द्वारा गोद लिया जाता है. इसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि अब जनमानस को जागरूक होने की आवश्यकता है. ताकि टीबी के खिलाफ लड़ाई में आसानी से विजय प्राप्त किया जा सके. बैठक के दौरान उन्होंने सभी एसटीएस, एसटीएलएल को टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए विशेष रणनीति के तहत कार्य करने का निर्देश दिया. सरकारी अस्पताल में ही कराएं अपने टीबी का इलाज
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