Madhubani News : जिले में स्टॉप डायरिया अभियान की हुई शुरुआत : 14 सितंबर तक चलेगा अभियान

बच्चों को होने वाले विभिन्न रोगों एवं जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार लगातार अभियान चला रही है, ताकि शिशु मृत्य दर में कमी लायी जा सके.

By GAJENDRA KUMAR | July 15, 2025 10:27 PM
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मधुबनी. बच्चों को होने वाले विभिन्न रोगों एवं जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार लगातार अभियान चला रही है, ताकि शिशु मृत्य दर में कमी लायी जा सके. इसी क्रम में मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर में स्टॉप डायरिया अभियान का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार, एसीएमओ डॉ. एस झा, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने . इस अवसर पर सीएस डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा आगामी 14 सितंबर तक चलेगा. इस दौरान आशा कार्यकर्ता जिले के सभी 21 प्रखंडों में घर-घर जाकर ओआरएस पैकेट एवं जिंक टैबलेट उपलब्ध कराएगी. जिन घरों में दस्त से पीड़ित बच्चे पाए जाएंगे उस घर में 2 पैकेट ओआरएस एवं 14 जिंक की टैबलेट दी जाएगी. 0 से 5 साल के बच्चे अक्सर डायरिया से पीड़ित हो जाते हैं. जिससे बचाव के लिए अभियान की शुरुआत की गई. जिले में 10 लाख 80 हजार 561 घरों के 7 लाख 70 हजार बच्चों को लक्षित किया गया है. इसके लिए विभाग द्वारा 10 लाख 12 हजार 281 ओआरएस एवं 14 लाख 20 हजार 537 जिंक टेबलेट उपलब्ध कराया गया है. यह अभियान जिले के 3858 आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाया जाएगा.

ओआरएस एव जिंक की गोली जरूरी

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर एसके विश्वकर्मा ने बताया कि गर्मी व बरसात के दिनों में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में प्राथमिक उपचार में ओआरएस घोल एवं जिंक का टैबलेट बहुत फायदेमंद होता है. उन्होंने कहा कि डायरिया के दौरान बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है. जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. ऐसे में 2 दिनों तक लगातार ओआरएस का घोल एवं 14 दिनों तक लगातार जिंक की गोली बच्चों के लिए फायदेमंद होता है. इससे बच्चों की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि 0 से 6 महीना के बच्चों को दस्त हो जाये तो इसे दो दिनों तक लगातार ओआरएस का घोल एवं आधा जिंक की गोली रोज देना है. 7 माह से 5 साल के बच्चे को घोल के साथ एक जिंक की गोली लगातार 14 दिनों तक देना है. 14 दिनों तक जिंक की गोली देने के बाद अगले तीन महीनों तक बच्चों को डायरिया होने का खतरा कम होता है.

स्वच्छता के लिए किया जाएगा जागरूक

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