Bihar News बिहार में बढ़ रहा जाली नोटों का कारोबार, पढ़िए बांग्लादेश से कैसे जुड़ा है इसका तार..

नेपाल से अर्धनिर्मित जाली नोट पुरुषोत्तमपुर पहुंचता था. वहा नोट में बीच में धागा लगाने का काम पुरुष से लेकर महिलाएं तक करती थीं.

By RajeshKumar Ojha | May 6, 2024 9:30 PM
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 Bihar News पूर्वी चंपारण के कोटवा में जाली नोट के साथ गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के तस्करों का बांग्लादेश से कनेक्शन है. भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचानेवाले यूपी व नेपाल के तस्करों के माध्यम से जाली नोट की खेप भारत में पहुंचा रहे हैं. बांग्लादेश में जाली नोट पाकिस्तान, मलेशिया व बैंककॉक से पहुंचता है, उसके बाद नेपाल के रास्ते उसे भारतीय मुल्क में खपाया जाता है. पुलिस के हाथ सिर्फ लोकल कुरियर ही आते हैं, विदेशों में बैठे बड़े तस्कर कभी कभार दिल्ली सहित अन्य महानगरों में पकड़े जाते हैं.

पुलिसिया कार्रवाई उनकी गिरफ्तारी तक सिमट कर रह जाती है. यही कारण है कि जाली नोट के कारोबार पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा. एक अगस्त, 2023 को रक्सौल से गिरफ्तार नेपाल के असलम अंसारी उर्फ गुलटेन की गिरफ्तारी के बाद उपरोक्त तथ्यों का खुलासा हुआ था. एनआइए ने उसपर एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था. असलम को दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने 5.50 लाख के जाली नोट के साथ वर्ष 2019 में गिरफ्तार किया था. जमानत पर निकलने के बाद वह कोर्ट में किसी भी तारीख पर हाजिर नहीं हुआ, जिसके बाद एनआइए ने उस पर इनाम घोषित किया था.

सिर्फ असलम ही नहीं ऐसे कई नाम हैं, जो नेपाल में रहकर जाली नोट की तस्करी करते हैं. पुलिस सूत्र बताते हैं कि जाली नोट की भी कई क्वालिटी है. उच्चतम क्वालिटी का जाली नोट पाकिस्तान व मलेशिया से आता है, जबकि बांग्लादेश से आनेवाले जाली नोट की क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं होती. पुलिस का यह भी कहना है कि निम्न क्वालिटी का जाली नोट भारत में भी छपता है. तीन फरवरी, 2024 को रक्सौल के हरैया में जाली नोट संग सिवान जिले के चार तस्करों की गिरफ्तारी से उक्त बात को बल मिलता है. उनके पास से प्रिंटर, इंक, नोट के कागज सहित अन्य उपकरण बरामद हुए थे. पिपरा के एक कैफे में भी जाली नोट की छपाई का खुलासा हुआ था, जिसमें छतौनी में आठ लाख के जाली नोट के साथ पिपरा व शिवहर के पांच धंधेबाज पकड़े गये थे.


नेपाल से आते थे अर्धनिर्मित जाली नोट, छौड़ादानो में लगता था धागा
एक दशक पहले पूर्वी चंपारण छौड़ादानो का पुरुषोत्तमपुर गांव जाली नोट का मुख्य केंद्र हुआ करता था. नेपाल से अर्धनिर्मित जाली नोट पुरुषोत्तमपुर पहुंचता था. वहा नोट में बीच में धागा लगाने का काम पुरुष से लेकर महिलाएं तक करती थीं. इसका खुलासा वर्ष 2013 में हुआ था. पुलिस ने 5.80 लाख अर्धनिर्मित जाली नोट, उसका धागा सहित अन्य सामानों के साथ शेख हैदर, रहमतुल्लाह, देवदत्त, रामाकांत महतो, शेख हैदल अली, फखरुद्दीन देवान, शेख फखरुद्दीन व प्रभु प्रसाद को गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आयी थी कि चार वर्षो में पुरूषोत्तमपुर गांव में जाली नोट का धंधा कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है. पुलिस के छापे के बाद बहुत हद तक इस पर अंकुश लगा.

एक साल में लगभग 28 लाख जाली नोट हो चुका है बरामद
जिले में एक साल के अंदर लगभग 28 लाख रुपये के जाली नोट बरामद हो चुका है. करीब 14 तस्वीर भी पकड़े गये है. सभी के लिंक उत्तर प्रदेश व नेपाल के तस्करों से होना बताया जाता है. छह जुलाई, 2023 को छतौनी पुलिस ने 2.21 लाख के भारतीय जाली नोट के साथ सीतामढ़ी डुमरा के नुरुद्दीन हुसैन व रून्नीसैदपुर के मो जाहिद को गिरफ्तार किया था. ये दोनों नेपाल से जाली नोट ले छतौनी पहुंचे थे. तीन फरवरी 2024 को रक्सौल में सौ व दो सौ के करीब चार लाख जाली नोट के साथ सीवान नवलपुर के मो यूसुफ, लक्ष्मीपुर के नीरज, सुरज व रवि कुमार की गिरफ्तारी हुई थी. चार मार्च 2024 को रक्सौल के हरैया में 44 हजार रुपये भारतीय जाली नोट के साथ आदापुर का आस मोहम्मद व हरपुर का जय आलम हवारी को गिरफ्तार किया गया था. एक अगस्त 2023 को एनआइए का इनामी नेपाल निवासी असलम अंसारी की गिरफ्तारी हुई थी. इससे पहले भी वर्ष 2018 में रक्सौल से उत्तर प्रदेश के हैदराबाद निवासी रामबाबू केशरवारी को 94 हजार के जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया था. पूर्व में इस तरह के जाली नोट के कई खेप पकड़े जा चुका हैं.

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
भारत-नेपाल की खुली सीमा का फायदा उठा जाली नोट व मादक पदार्थ के तस्कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते हैं. एसएसबी के साथ पुलिस समन्वय बना सीमा पर सक्रिय तस्करों पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है, जिसका नतीजा है कि जाली नोट के साथ मादक पदार्थ की बरामदगी होती है. तस्कर भी पकड़े जाते हैं. सीमा क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिया गया है. कांतेश कुमार मिश्र, एसपी पूर्वी चंपारण

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