Motihari: रक्सौल . भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी पर रोकथाम के लिए काम करने वाली विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं और सशस्त्र सीमा बल 47 वी वाहिनी के मानव तस्करी रोधी इकाई के संयुक्त अभियान में एक नाबालिग लड़की को मानव तस्कर के चंगुल से आजाद कराया गया है. इसको लेकर नाबालिग को रेस्क्यू करने के बाद जब टीम द्वारा इंटेरोगेशन की गई पता चला कि धीरेन्द्र आलम (मानव तस्कर) गोपालगंज बिहार का रहने वाला है. जो कि सोशल मीडिया के माध्यम से पीड़िता को कुछ दिनों से अपने प्रेम जाल में फसाने की कोशिश कर रहा था और एक दिन अपने मंसूबे में कामयाब भी हो गया. पहले तो 14 साल की किशोरी जो सिवान जिले की रहने वाली हैं उससे दोस्ती की फिर धीरे-धीरे इस तरह से मोटिवेट किया की बच्ची ट्रैफिक द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गयी और उस पर अटूट विश्वास करने लगी. बच्ची ने बताया कि धीरेन्द आलम सोशल मीडिया पर दोस्ती की फिर कुछ दिनों बाद मुझसे शादी करने का प्रस्ताव रखा. मानव तस्कर के प्रलोभन में आकर बच्ची बिना कुछ सोचे समझे अच्छे बुरे का ख्याल किए बिना, तस्कर पर विश्वास करते हुए उसके साथ काठमांडू जाने के लिए राजी हो गयी. इधर, गिरफ्तारी के बाद मानव तस्कर ने सारा आरोप बच्ची पर लगाने की कोशिश की. इसके बाद अगली प्रक्रिया करते हुए व्यक्ति और नाबालिग लड़की को हरैया थाना रक्सौल को सुपुर्द किया गया. थाना प्रभारी किशन कुमार पासवान ने बताया कि आवेदन के आलोक में मानव तस्कर के विरुद्ध थाना काण्ड संख्या 93/25 में दर्ज किया गया है. आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मौके पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग इंस्पेक्टर विकास कुमार, अरविंद द्विवेदी, खेमराज, नीतू कुमारी, प्रयास जुवेनाइल एड सेन्टर पूर्वी चम्पारण की जिला परियोजना समन्वयक आरती कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता राज गुप्ता, विजय कुमार शर्मा, स्वच्छ संस्था रक्सौल से रणजीत सिंह, साबरा खातून सहित अन्य मौजूद थे.
संबंधित खबर
और खबरें