सीएस के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज
फर्जी बहाल हुए ये आठ लोग ड्यूटी पर आ रहे थे और विभाग से वेतन भी उठा रहे थे, लेकिन जब वेतन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सभी को ऑनलाइन किया गया, तब इस मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी. मुंगेर सिविल सर्जन विनोद कुमार सिन्हा ने लेटर जारी करते हुए सभी फर्जी कर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया है. साथ ही सीएस के निर्देश पर पीएचसी अधिकारी ने सम्बन्धित थानों में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है.
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सभी आठ आरोपित फरार
इन फर्जी आदेश पत्र में तारापुर अनुमंडल में तीन, हवेली खड़गपुर में तीन और संग्रामपुर में दो लोगों की नियुक्त की गई थी. ये सभी फर्जी कर्मी अप्रैल, 2022 में अपने कार्यस्थल पर योगदान कर चुके थे, लेकिन जब विभाग को इनकी फर्जी नियुक्ति की भनक लगी, तो ये सभी मार्च-अप्रैल, 2024 से फरार हो गये. सिविल सर्जन विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि कुल आठ फर्जी प्रयोगशाला प्रावैधिक की सेवा समाप्त करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दे दिया गया है. जल्द ही पुलिस इन आरोपितों को गिरफ्तार कर सजा दिलाने का काम करेगी.