5474 करोड़ की लागत से बन रही मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क
भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया गया कि मिर्जाचौकी-मुंगेर फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में गति लाने के उद्देश्य से सोमवार को मिल्कीचक में अधिग्रहित जमीन का मुआवजा ले चुके रैयतों के मकानों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया. उन्होंने बताया कि 19 रैयत अधिग्रहित जमीन का मुआवजा ले चुके हैं. इनमें से चार घरों को सोमवार को पूर्णरूप से ध्वस्त कर दिया गया, जबकि 11 घरों को आंशिक रूप से हटाया गया. शेष घरों को मंगलवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा. हालांकि अतिक्रमण हटाने पहुंचे पुलिस व पदाधिकारियों को रैयतों के आंशिक विरोध का सामना करना पड़ा. इस दौरान रैयतों का कहना था कि मात्र एक दिन पहले नोटिस दिया गया और दूसरे दिन घर तोड़ने अधिकारी पहुंच गये. इतना ही नहीं इस दौरान कई रैयतों ने निर्धारित दर से कम मुआवजा भुगतान मिलने की बात कही. हालांकि आंशिक विरोध के बावजूद पुलिस बल की मौजूदगी में रैयतों के घरों को तोड़ा गया. जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि मुआवजा ले चुके मिल्कीचक के रैयतों का अतिक्रमण सोमवार को समाप्त कराया गया. वहीं जल्द ही महमदा में भी मुआवजा ले चुके रैयतों का अतिक्रमण समाप्त कर फोरलेन का कार्य तेजी से बढ़ाया जायेगा. विदित हो कि 5474 करोड़ की लागत से बन रहे मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क निर्माण का अबतक 60 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो सका है. परियोजना का काम दो साल में पूरा होना था, लेकिन अब तीन वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है.
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