प्रतिनिधि, मुंगेर
वैसे तो शहर को आवारा कुत्तों से निजात दिलाने की जिम्मेदारी नगर प्रशासन की है. प्रशासनिक लापरवाही से शहरी क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. सदर अस्पताल में बीते पांच माह में डॉग बाइट के 4,315 मामले सामने आये हैं. पांच माह में स्वास्थ्य विभाग डॉग बाइट के शिकार मरीजों को टीका लगाने में लगभग 35 लाख रूपये खर्च किया है. सदर अस्पताल में लोग डॉग बाइट के बाद इलाज कराने पहुंचते हैं, वहां भी पूरे दिन आवारा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है. इससे वार्डों में भर्ती मरीजों में भय बना रहता है.
पांच माह में डॉग बाइट के 4,315 मामले
मुंगेर में आवारा कुत्तों के आतंक का अंदाजा केवल इसी से लगाया जा सकता है कि साल 2025 के अबतक के पांच माह में ही डॉग बाइट के 4,315 मामले सदर अस्पताल में आ चुके हैं. जिसमें अबतक मई में सर्वाधिक 926 डॉग बाइट के मामले सदर अस्पताल में पहुंचे हैं. जबकि प्रत्येक माह 600 से 700 के आसपास अस्पताल में डॉग बाइट के मामले आ रहे हैं. प्रतिदिन औसतन 30 से 40 डॉग बाइट के मामले सदर अस्पताल में टीका लगाने पहुंच रहे हैं.
सदर अस्पताल परिसर में भी आवारा कुत्तों का जमावाड़ा
डॉग बाइट के मरीज अपना इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचते हैं, सदर अस्पताल में भी आवारा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है. आवारा कुत्ते सदर अस्पताल के वार्डों में खुलेआम घूमते हैं. बता दें कि दो साल पहले सदर अस्पताल के महिला वार्ड के समीप एक आवारा कुत्ते ने सदर अस्पताल के एक चिकित्सक को घायल कर दिया था. इतना ही नहीं दो माह पूर्व भी प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल के बाहर भी इलाज करा कर घर जा रहे एक मरीज को सड़क पर आवारा कुत्ते ने काट लिया था.
कहते हैं सिविल सर्जन
डॉग बाइट के लिये सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में टीका उपलब्ध है. जिसे मरीजों को निशुल्क दिया जाता है. सदर अस्पताल में आवारा कुत्तों को हटाने के लिये सुरक्षाकर्मियों को कहा गया है.
– डॉ ध्रुव कुमार, सिविल सर्जन, मुंगेर.
अबतक आये डॉग बाइट के 4,315 मामले
माह डॉग बाइट के मामले
जनवरी 816
मार्च 866
मई 926
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