
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर गांवों में सुबह से शाम तक उत्सव जैसा माहौल है. गांव की पगडंडियों से लेकर सड़कों तक ग्रामीण महिलाओं का हुजूम दिखाई दे रहा है. ये महिलाएं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की सफलता और नई नीतियों के क्रियान्वयन के लिए एकत्रित हो रही हैं. दरअसल, राज्य सरकार ने “महिला संवाद ” कार्यक्रम के माध्यम से इन्हें अपने-अपने गांव के विकास के लिए योजना बनाने, अपनी आकांक्षाएं व्यक्त करने और अब तक हुए विकास कार्यों से अलग अपनी इच्छाएं बताने का अवसर दिया है. यही कारण है कि गांव की हर महिला महिला संवाद कार्यक्रम के आयोजन स्थल की ओर उमड़ रही है. अब इन महिलाओं को अपनी बेटियों का भी साथ मिल रहा है.जिले के विभिन्न गांवों में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। यह कार्यक्रम 18 अप्रैल से जारी है. “महिला संवाद ” कार्यक्रम आज केवल एक पहल नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के सामूहिक सशक्तिकरण के लिए एक मौन क्रांति बनता जा रहा है. यह मंच महिलाओं की आवाज को सीधे नीति-निर्माताओं और प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम बन रहा है. इसके माध्यम से न केवल महिलाएं अपनी समस्याएं और चुनौतियां बता रही हैं, बल्कि उनके विचारों, आकांक्षाओं और समाधान के सुझावों को भी प्रमुखता मिल रही है, जिससे सामूहिक सामाजिक बदलाव की नींव रखी जा रही है. महिला संवाद कार्यक्रम जीविका से जुड़े महिला ग्राम संगठनों द्वारा प्रतिदिन दो पालियों में आयोजित किया जा रहा है. गांव की महिलाएं योजनाओं से मिले लाभ के बारे में बताने और नई योजनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए पहले से निर्धारित कार्यक्रम स्थल की ओर निकल पड़ती हैं. इन महिलाओं को “महिला संवाद ” कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है. इस कार्यक्रम में तकनीक का भी महत्वपूर्ण उपयोग किया जा रहा है. एलईडी स्क्रीन से लैस मोबाइल वाहनों के माध्यम से सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी को रोचक ऑडियो-विजुअल प्रस्तुतियों में बदलकर गांव-गांव पहुंचाया जा रहा है.
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