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मुजफ्फरपुर में ध्वनि प्रदूषण का बढ़ता खतरा, प्रशासन ने उठाए कड़े कदम

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मुजफ्फरपुर में ध्वनि प्रदूषण का बढ़ता खतरा, प्रशासन ने उठाए कड़े कदम
Bihar News (सांकेतिक)

Bihar News:मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण के बाद अब ध्वनि प्रदूषण भी एक गंभीर समस्या बनकर उभरने लगा है. प्रशासन द्वारा रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर रोक लगाने के बावजूद, शहर और गांवों में इसका उल्लंघन हो रहा है. आधी रात तक तेज़ शोर, खासकर डीजे और वाहन हॉर्न, स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का कारण बन चुके हैं.

ध्वनि प्रदूषण के कारण और उसके प्रभाव

अधिकारियों का कहना है कि रात्रि में तय सीमा से अधिक शोर होने की वजह से मुजफ्फरपुर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जो कि आसपास के क्षेत्रों में भी महसूस हो रहा है. खासकर NH और रेलवे ट्रैक से सटे मोहल्लों में इस समस्या का समाधान करना मुश्किल हो गया है.

जनसंख्या में वृद्धि और यातायात के बढ़ते दबाव से यातायात से जुड़ी ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी बढ़ी है. अत्यधिक शोर न केवल कानों के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि यह मानसिक तनाव और सुनने की क्षमता में कमी का कारण भी बन सकता है.

कानूनी उपाय और उपाय

ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने कई उपायों की योजना बनाई है. यदि किसी स्थान पर निर्धारित सीमा से अधिक शोर होता है, तो स्थानीय प्राधिकरण से शिकायत की जा सकती है. रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच शोर अधिक होने पर पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 या 112 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

ध्वनि प्रदूषण के स्तर की जानकारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 65 डेसीबल से ज्यादा का शोर ध्वनि प्रदूषण माना जाता है, और 70 डेसीबल से अधिक शोर लंबे समय तक सुनने पर श्रवण हानि का कारण बन सकता है. 85 डेसीबल से अधिक शोर खतरनाक होता है और यह सुनने की क्षमता को तेजी से प्रभावित कर सकता है.

शहरी क्षेत्रों में शोर सीमा

ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में विभिन्न शोर सीमाएं तय की गई हैं. इंडस्ट्रियल एरिया में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक 75 डेसीबल और रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 70 डेसीबल तक शोर हो सकता है. कमर्शियल एरिया में दिन में 65 डेसीबल और रात्रि में 55, रेसिडेंशियल एरिया में दिन में 55 डेसीबल और रात्रि में 45, और पब्लिक एरिया में दिन-रात 10 डेसीबल से कम शोर होने की अनुमति होगी.

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आगे की योजना

DM ने शहरी क्षेत्रों में इन शोर सीमाओं के बारे में साइन बोर्ड लगाने का आदेश दिया है, ताकि लोगों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा सके और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.

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