पंचमुखी महादेव शोभनाथ मंदिर : आस्था, इतिहास और उपेक्षा की दास्तां
सावन महीने में यहां हजारों शिवभक्त पूजा के लिए पहुंचते हैं, तालाब और मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग
प्रतिनिधि, नवादा नगर
कैसे हुआ था मंदिर का निर्माण
पूजा और परंपराएं
मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं, पर विशेष रूप से प्रत्येक पूर्णिमा, सावन की सोमवारी और महाशिवरात्रि पर यहां विशाल मेला लगता है. जिसमें दूर-दूर से शिवभक्त यहां आकर जलाभिषेक करने आते हैं. इतना ही नहीं, यह मंदिर जिले में सस्ती शादियों के आयोजन के लिए भी प्रसिद्ध है. हर साल करीब 10 हजार जोड़े यहां विवाह बंधन में बंधते हैं. पुत्र प्राप्ति की कामना पूरी होने पर मुंडन संस्कार कराने की भी परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसमें सालाना करीब 500 बच्चों का मुंडन संस्कार किया जाता है. उपेक्षा के कारण मंदिर खोता जा रहा पुराना स्वरूप
जहां श्रद्धालु स्नान कर पूजा करते थे, वहां गंदे कपड़े धोये जाते हैं
पुजारी की उम्मीदें
शोभनाथ मंदिर के पुजारी सुनील पांडेय ने बताया कि सावन को देखते हुए तालाब की सफाई करवाई जा रही है. तालाब में दो ट्यूबवेल से पानी भरवाया जा रहा है. मंदिर की सफाई और मरम्मत का कार्य जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि समाजसेवियों द्वारा रुके हुए निर्माण कार्य को जल्द शुरू कराने की बात कही गयी है. परंतु, अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिख रही है. आखिर कब होगा सुधार
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
सावन महीने में यहां हजारों शिवभक्त पूजा के लिए पहुंचते हैं, तालाब और मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग
प्रतिनिधि, नवादा नगर
कैसे हुआ था मंदिर का निर्माण
पूजा और परंपराएं
मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं, पर विशेष रूप से प्रत्येक पूर्णिमा, सावन की सोमवारी और महाशिवरात्रि पर यहां विशाल मेला लगता है. जिसमें दूर-दूर से शिवभक्त यहां आकर जलाभिषेक करने आते हैं. इतना ही नहीं, यह मंदिर जिले में सस्ती शादियों के आयोजन के लिए भी प्रसिद्ध है. हर साल करीब 10 हजार जोड़े यहां विवाह बंधन में बंधते हैं. पुत्र प्राप्ति की कामना पूरी होने पर मुंडन संस्कार कराने की भी परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसमें सालाना करीब 500 बच्चों का मुंडन संस्कार किया जाता है.उपेक्षा के कारण मंदिर खोता जा रहा पुराना स्वरूप
जहां श्रद्धालु स्नान कर पूजा करते थे, वहां गंदे कपड़े धोये जाते हैं
पुजारी की उम्मीदें
शोभनाथ मंदिर के पुजारी सुनील पांडेय ने बताया कि सावन को देखते हुए तालाब की सफाई करवाई जा रही है. तालाब में दो ट्यूबवेल से पानी भरवाया जा रहा है. मंदिर की सफाई और मरम्मत का कार्य जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि समाजसेवियों द्वारा रुके हुए निर्माण कार्य को जल्द शुरू कराने की बात कही गयी है. परंतु, अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिख रही है.आखिर कब होगा सुधार
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