गोविंदपुर में सकरी नदी घाट-एक पर ग्रामीणों ने किया हंगामा
पोकलेन को बालू उठाव करने से रोका, गड्ढों को भरवाया
प्रतिनिधि, गोविंदपुर.
नदी किनारे बसे सुजीत कुमार, सुरेश मिस्त्री, शोभा देवी, पूनम देवी, पिंकी देवी, मालती देवी, नीतू देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि संवेदक छठ पूजा के पवित्र स्थल इमली छठ घाट व सराई छठ घाट से बालू निकाल रहे हैं. इससे घाट की गहराई काफी बढ़ गयी है, जिससे आने वाले छठ पर्व के आयोजन में बाधा आ सकती है. साथ ही पास में ही एक सरकारी स्कूल भी स्थित है. बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी परिजन चिंतित रहते हैं कि खेलते-खेलते बच्चे नदी की ओर न चला जाये. घटनास्थल पर 20 सूत्री प्रखंड अध्यक्ष शोभा देवी, गोविंदपुर पंचायत मुखिया अनुज सिंह व पूर्व उप-प्रमुख सह पंचायत समिति सदस्य रेखा देवी भी मौजूद थी. बालू उठाव का विरोध करने सरकंडा गांव से भी सैकड़ों लोग घाट पर पहुंचे.
इस घटना की सूचना मिलते ही गोविंदपुर थानाध्यक्ष राजीव कुमार पटेल दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. अंचल अधिकारी संजीव कुमार व खनन विभाग के इंस्पेक्टर संतोष झा ने भी पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, परंतु ग्रामीण बालू उठाव को पूरी तरह रोकने की मांग पर अड़े रहे. स्थिति की गंभीरता को देख जिला खनन पदाधिकारी प्रत्यय अमन भी घाट पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.
जिला खनन पदाधिकारी प्रत्यय अमन ने ग्रामीणों को बताया कि संवेदक को सरकार से तय प्रक्रिया के तहत टेंडर मिला है. उसने सरकारी राजस्व में करोड़ों रुपये जमा किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि छठ घाटों की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग की जायेगी. उस क्षेत्र से बालू की निकासी नहीं होगी. साथ ही नदी किनारे स्थित विद्यालय की सुरक्षा को लेकर भी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. बचे अन्य स्थानों से बालू की निकासी की जायेगी. खनन पदाधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि सरकंडा के रास्ते से कुछ आगे झारखंड दिशा की ओर से लेकर पंचवाहिनी स्थान से आगे तक लगभग एक किलोमीटर क्षेत्र में अधिकतम 10 फुट की गहराई तक बालू उठाव की अनुमति है. महाबरा घाट पर पुल निर्माण स्थल से 500 मीटर पूरब और पश्चिम में भी बालू निकासी नहीं की जायेगी.
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