सुलहनामे को लेकर लोक अदालत में कुल 14 टेबल पर हुई सुनवाई
राष्ट्रीय लोक अदालत में 597 मामलों का हुआ निबटाराफोटो
– टेबल पर मामले का निबटारा करते न्यायिक दंडाधिकारी व अन्य.
लोक अदालत पक्षकारों के बीच के मतभेद को दूर कर उत्पन्न विवाद को समाप्त करने में सहयोग करती है. न्याय आवेदक के द्वार तक पहुंचाने के लिए यह पहल है. यहां से लोग प्रसन्न होकर लौटें, इसका पूरा प्रयास होता है. ये बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला जज आशुतोष कुमार झा ने राष्ट्रीय लोक अदालत की शुरुआत करते हुए कहीं. व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ. प्रधान जिला जज, न्यायिक अधिकारी उपेंद्र कुमार, प्राधिकार के सचिव कुमारी सरोज कृति, धीरेंद्र कुमार पांडे, अपर समाहर्ता चंद्रशेखर आजाद ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर अदालत की कार्यवाही शुरू की. सचिव कुमारी सरोज कृति ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार सेवा की भावना से आम लोगों को कानूनी जानकारी देकर जागरूक कर रहा है. लोगों को और भी जागरूक करने की आवश्यकता है. सचिव ने कहा कि संविधान में सभी को न्याय पाने का अधिकार है. समझौते से निबटाये गये मामलों के पक्षकार को लाभ ही मिलता है, वहीं अदालत से मुकदमों का बोझ घटता है. कार्यक्रम में उपस्थित अपर समाहर्ता चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि लोक अदालत एक बेहतर व्यवस्था है. कमजोर वर्ग के लोगों को काफी लाभ मिल रहा है. जिला प्रशासन अदालत के संचालन में सदा सहयोग को तत्पर है.
कितने मामलों का हुआ निपटारा
पुराने मामलों को निबटाने के बाद पक्षकार दिखे खुश
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी को दिया धन्यवाद
राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष आशुतोष कुमार झा ने जिला प्रशासन, अधिवक्ता और न्यायिक पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सबों के सहयोग से यह कार्यक्रम सफल रहा.
कौन-कौन न्यायिक पदाधिकारी ने किया सहयोग
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है