सेवा के तीन साल पूरे. सूचना पर त्वरित एक्शन के लिए पहुंच रही पुलिस टीम
फोटो कैप्शन – पीठ पर लाद जख्मी बाइक सवार को ले जाते डायल 112 की टीम के सदस्य. फाइल फोटो.
बिहार पुलिस की डायल-112 सेवा अब हर संकट का समाधान बन गयी है. इस सेवा ने यह साबित कर दिया है कि तकनीक, त्वरित रिस्पॉन्स और मानवीय संवेदनाओं के मेल से सुरक्षा का सशक्त आपातकालीन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सकता है. यानी अब बिहार के लोगों को संकट के समय अलग-अलग नंबर नहीं, सिर्फ एक नंबर 112 की जरूरत है. वहीं, पटना के कॉल टेकर सेंटर का संचालन भी महिला पुलिसकर्मियों की ओर से ही किया जा रहा है, जो महिलाओं के लिए सेवा को संवेदनशील और प्रभावी बना रही है. यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी प्रभावशाली पहल साबित हो रहा है. इसका लाभ पूरे बिहार की महिलाओं को मिल रहा है.
आठ बाइक भी जिले को प्राप्त
28 थानों वाले नवादा जिले में आपातकालीन सेवा डायल 112 की टीम सभी थानाें में उपलब्ध है. साथ ही शहर सेवा की संकीर्ण गलियों और भीड़भाड़ से निबटने को लेकर आठ बाइक भी उपलब्ध हैं. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने नगर थाने से हरी झंडी दिखा कर बाइक इआरवी को रवाना किया था. इसके बाद महिला हिंसा, घरेलू हिंसा और सड़क हादसे जैसे आपातकालीन सेवा में तेजी पायी गयी है.महिलाओं के लिए सुरक्षित सफर सुविधा
बिहार में डायल 112 के तीन साल पूर्ण कर लिये जाने के उपलक्ष्य में बेहतरीन कार्य करने वाले इआरवी पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया. साथ ही डीजीपी ने जानकारी भी दी कि सितंबर 2024 में ‘सुरक्षित सफर सुविधा’ की शुरुआत की गयी थी. यह योजना के तहत जो महिलाएं अकेली यात्रा करती हैं, उनके लिए सुरक्षा दीवार साबित हुई है. महिलाएं अपनी यात्रा की जानकारी पुलिस से साझा कर तकनीकी निगरानी में सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच रही हैं. जरूरत पड़ने पर तुरंत ERV भेजी जाती है. बिहार महिलाओं को ऐसा सुरक्षा कवच देने वाला देश का तीसरा राज्य है.नवादा जिले में डायल 112 के कुछ उत्कृष्ट कार्य
-12 फरवरी 2025 को नारदीगंज नवादा पथ पर हुई सड़क दुर्घटना में बाइक सवार को सड़क किनारे जख्मी हालत में गिरे होने की सूचना मिलने के मात्र 10 मिनट के अंदर संकट मोचक डायल 112 टीम मौके पर पहुंची. टीम के सदस्य ने स्ट्रेचर के अभाव में जख्मी बाइक सवार को अपनी पीठ पर लाद कर गाड़ी के पास लाया और सदर अस्पताल में भर्ती करा प्राण रक्षा किया. पीठ पर लाद कर सेवा करते वायरल वीडियो की बिहार पुलिस मुख्यालय ने भी ट्वीट कर सराहना की थी.-सात मार्च 2025 को जिले के सीतामढ़ी थाना क्षेत्र में हुई सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से जख्मी बाइक सवार के गिरे होने की सूचना मिलते ही देवदूत की तरह मात्र 10 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंच डायल 112 की टीम ने जख्मी बाइक सवार को पीएचसी नरहट पहुंचाया. जहां अति रक्तश्राव हो रहे बाइक सवार का प्राथमिक उपचार कर जीवन रक्षा किया गया. चिकित्सकों के मुताबिक अगर युवक को कुछ देर और अस्पताल नहीं लाया जाता, तो अत्यधिक रक्तस्राव के कारण जान भी जा सकती थी.-27 जून 2025 को कोलकाता से नवादा रेलवे स्टेशन पहुंचे बड़राजी निवासी रामचंद्र साव दंपती को सड़क लुटेरों द्वारा हितैषी बन गाड़ी में बैठाया गया और कुछ दूर जाने के बाद साव दंपती को मारपीट कर हथियार के बल पर नकद 10 हजार रुपये सहित अन्य कीमती सामान लूट लिया और बीच रास्ते गाड़ी से उतार फरार हो गये. भावनाओं से खिलवाड़ कर लूट की वारदात से सहमे साव दंपती को अचानक आपातकालीन सेवा डायल 112 की याद आयी. फिर क्या संकट मोचक की तरह डायल 112 की टीम ने मौके पर पहुंच मामले की जानकारी लेते हुए लुटेरे को खदेड़कर दबोच लिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है