निर्धारित समय आठ बजे के बजाय 10:20 में खुला अस्पताल का ताला

अतिरिक्त उपस्वास्थ्य केंद्र धमौल में कर्मियों और डॉक्टरों की मनमानी

By PANCHDEV KUMAR | April 26, 2025 11:25 PM
feature

पकरीबरावां. प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, धमौल में स्वास्थ्यकर्मियों व डॉक्टरों की लापरवाही का आलम यह है कि अस्पताल ””अब 10 बजे लेट नहीं, 2 बजे भेंट नहीं”” के तर्ज पर संचालित हो रहा है. सरकारी अस्पतालों से मरीजों को समय पर और सुलभ इलाज की उम्मीद होती है. लेकिन, धमौल का यह केंद्र अनियमितता और गैर-जवाबदेही का प्रतीक बनता जा रहा है. शनिवार को अस्पताल का ताला सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर खोला गया. जबकि अस्पताल का निर्धारित खुलने का समय सुबह 8 बजे है. हैरानी की बात यह रही कि अस्पताल का ताला डाटा इंट्री ऑपरेटर धनजीत कुमार ने खोला. इस दौरान न तो कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद थे और न कोई एएनएम. मरीज बाहर धूप में घंटों तक इंतजार करते रहे. स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब सीएचसी प्रभारी डॉ रतन गुप्ता को फोन पर सूचना दी गयी, तब जाकर एक एएनएम उपासना सिन्हा हड़बड़ी में अस्पताल पहुंचीं. हालांकि, तब तक मरीजों में काफी नाराजगी देखी गयी. तुर्कबन गांव निवासी जैनुल आब्दीन, जो शुगर के मरीज हैं, दवा लेने अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि उन्हें एक घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा. उन्होंने कहा कि यहां समय पर कोई नहीं आता. डॉक्टर तो कभी दिखाई नहीं देते हैं. वहीं, रंजीत पासवान ने बताया कि यह कोई पहली बार की बात नहीं है. हर दिन यही हाल रहता है. मरीज भटकते हैं और इलाज नहीं मिल पाता है. डॉक्टर को तो कभी देखा ही नहीं है. निर्धारित समय से ढाई घंटे की देरी से खोला गया अस्पताल : सरपंच ग्रामीणों की शिकायत पर धमौल पंचायत के सरपंच इंद्रजीत सिन्हा ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि अस्पताल निर्धारित समय से ढाई घंटे की देरी से खोला गया. उन्होंने बताया कि सरकारी निर्देशों के अनुसार ओपीडी का समय सुबह 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक निर्धारित है, लेकिन यहां कर्मचारी अपनी मनमानी पर उतारू हैं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की. गौरतलब हो कि धमौल का यह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एक बड़े इलाके को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है और हजारों लोग इसी पर निर्भर हैं. लेकिन अस्पताल की बदहाल व्यवस्था और लापरवाह स्टाफ की वजह से आमजन को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार हर साल स्वास्थ्य सेवा में करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन जब निचले स्तर पर ही लापरवाही हो तो सारी योजनाएं कागजों में ही रह जाती हैं. ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि अस्पताल की व्यवस्था में सुधार लाया जाए. नियमित निगरानी की व्यवस्था हो और लापरवाह डॉक्टरों व कर्मचारियों पर सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें. इस पूरे मामले में जब सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार चौधरी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जायेगी और जो भी दोषी पाए जायेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां नवादा न्यूज़ (Nawada News), नवादा हिंदी समाचार (Nawada News in Hindi),ताज़ा नवादा समाचार (Latest Nawada Samachar),नवादा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Nawada Politics News),नवादा एजुकेशन न्यूज़ (Nawada Education News),नवादा मौसम न्यूज़ (Nawada Weather News)और नवादा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version