शिक्षकों के मकान किराया भत्ते को लेकर गरमाया मामला

Nawada news. शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद जिले के रजौली नगर पंचायत मुख्यालय और उसके 8 किलोमीटर परिधि के विद्यालयों के शिक्षक अब तक बढ़े हुए मकान किराया भत्ते से वंचित हैं.

By KR MANISH DEV | July 11, 2025 7:51 PM
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रजौली नगर पंचायत के शिक्षक लाभ से वंचित नगर पंचायत पदाधिकारी को आवेदन देकर हस्तक्षेप करने की मांग की फोटो – नगर पंचायत पदाधिकारी को आवेदन देते शिक्षक. प्रतिनिधि, रजौली शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद जिले के रजौली नगर पंचायत मुख्यालय और उसके 8 किलोमीटर परिधि के विद्यालयों के शिक्षक अब तक बढ़े हुए मकान किराया भत्ते से वंचित हैं, जिससे उनमें भारी आक्रोश है. शिक्षकों ने इसे अपने साथ अन्याय बताया है और तत्काल इस मामले में नगर पंचायत पदाधिकारी को आवेदन देकर हस्तक्षेप करने की मांग की है. शिक्षकों ने बताया कि अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग, बिहार, पटना के पत्र के निर्देशानुसार, जिला शिक्षा पदाधिकारी नवादा के पत्र के माध्यम से नगर परिषद के 8 किलोमीटर परिधि के विद्यालयों के शिक्षकों को मकान किराया भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया गया. हालांकि इस आदेश में रजौली नगर पंचायत क्षेत्र और उसके 8 किलोमीटर के दायरे में आने वाले विद्यालयों के शिक्षकों को इस लाभ से बाहर रखा गया है. शिक्षकों का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर इस महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ से वंचित किया जा रहा है. इस संबंध में पूर्व में भी संबंधित शिक्षकों ने आवेदन देकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. रजौली नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों के शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बीडीओ रजौली के पत्र को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, रजौली को पत्राचार भी किया गया था, लेकिन शिक्षकों को कोई लाभ नहीं मिला. इस पूरे मामले पर शिक्षक चंदन कुमार, अमित कुमार, जयराम प्रसाद, दर्पण अजीत कुमार, जितेंद्र पासवान, अशोक कुमार, मिथिलेश कुमार, मोहम्मद नसीम अंसारी, पंकज कुमार, उपेंद्र रविदास सहित दर्जनों शिक्षकों ने गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से तत्काल इस मामले पर ध्यान देने और रजौली नगर पंचायत के अधीन और 8 किलोमीटर परिधि के विद्यालयों के शिक्षकों को जल्द से जल्द बढ़ा हुआ मकान किराया भत्ता प्रदान करने की कृपा करने की प्रार्थना की है. शिक्षकों का कहना है कि वे इस पहल के लिए संबंधित अधिकारियों के आभारी रहेंगे. इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह मामला हजारों शिक्षकों के वित्तीय हितों से जुड़ा है.

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