वन विभाग पांच लाख से अधिक पौधा लगाने का रखा है लक्ष्य
विशाल कुमार, मनोज मिश्रा, नवादा
पर्यावरण को बचाने में हरियाली की चादर की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है, यह हम प्राकृतिक आपदा और भीषण गर्मी झेलकर समझ रहे हैं. नवादा जिले के लगभग 25 प्रतिशत भू-भाग वन से घिरा है. बिहार में कैमूर से बाद नवादा दूसरा जिला है, जहां इतनी बड़ी समृद्ध वन संपदा है, लेकिन जिस तरह से नये निर्माण और आधुनिकता की नयी होड़ देखने को मिल रही है, इस कारण लगातार वन क्षेत्रफल घट रहे हैं. नेशनल हाइवे और अन्य सड़कों के निर्माण में जिस तरह से अंधाधुंध हजारों पेड़ों की कटाई हुई है. इसके संरक्षण को लेकर कहीं कोई प्रयास कारगर होता नहीं दिख रहा है. वन विभाग के अलावा विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से पौधा लगाने का काम किया जाता है. लेकिन, धरातल की स्थिति बताती है कि यह पौधे लगाने की आंकड़े केवल कागजों तक ही सिमट कर रह जाते हैं. पौधारोपण के नाम पर कई स्थानों पर भूमि हड़पने की योजना भी दिखती है. जिले की कई नदियों के बीच में पौधारोपण कर दिया गया है. सरकारी भूमि पर पौधारोपण का अभियान कारगर बने, इसके लिए ठोस पहल करने की जरूरत है. प्रभात खबर ने शनिवार को इसी मुद्दे को लेकर बुद्धौल बस स्टैंड के पीछे ब्राइट कैरियर स्कूल परिसर में आम लोगों के बीच प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया़ इसमें शामिल बुद्धिजीवियों व विशेषज्ञों ने पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर अपनी राय बेबाकी से रखी़. लोगों ने कहा कि पर्यावरण बचेगा, तो हम और अगली पीढ़ी बचेगी़ इसके लिए हम सभी को पौधारोपण के साथ उसका सरंक्षण करना चाहिए़ हमें प्रत्येक अवसर पर पौधा लगाने की जरूरत है़
जिले में घट रही है वन भूमि:
एनएच किनारे से काटे गये पेड़ों के बदले नहीं लगाये गये नये पौधे
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