नवादा कार्यालय. जिले के पुराने पुलिस थानों के भवनों की सूरत जल्द बदलेगी. पुराने भवनों की जगह पर आधुनिक सुविधाओं के साथ बहुमंजिला इमारत बनायी जायेगी. इन भवनों पर 36 करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. इन थानों में अलग से वर्क स्टेशन के साथ ही गवाहों से पूछताछ, अनुसंधान और दस्तावेज रखने के अलग-अलग कमरे होंगे. पुलिसकर्मियों के रहने के लिए आवास की सुविधा होगी. जिले में यातायात थाना नवादा, धमौल थाना, सीतामढ़ी थाना और रूपौ थाना में जल्द ही आधुनिक सुविधाओं से युक्त माडल भवनों का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा. गृह विभाग के आरक्षी शाखा से प्राप्त पत्र के माध्यम से इन भवनों के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. धन राशि भी मुहैया करायी गयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, यातायात थाना का भवन चार मंजिला होगा. जबकि धमौल, सीतामढ़ी और रूपौ थानों के भवन तीन मंजिला बनाये जायेंगे. ग्राउंड फ्लोर पर थानाध्यक्ष का कार्यालय समेत लाॅकअप रूम का निर्माण कराया जायेगा. इन भवनों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि वे आधुनिक पुलिसिंग की जरूरतों को पूरा कर सकें. ग्राउंड फ्लोर पर थानाध्यक्ष का कार्यालय, सीरिस्ता कक्ष, अनुसंधान कक्ष, आगंतुक कक्ष और पकड़े गये, आरोपितोंं को रखने के लिए लाॅकअप जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. इसके अलावा ऊपरी तलों पर अधिकारियों के आवास, महिला बैरक, शौचालय, स्नानागार, विश्राम कक्ष, शस्त्रागार और अन्य आवश्यक कक्षों का निर्माण किया जायेगा. मॉडल भवन बनने से पुलिस कर्मियों को काम करने में होगी सुविधा: इन भवनों के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च किये जायेंगे. यातायात थाना भवन की लागत नौ करोड़ 14 लाख 66 हजार 800 रुपये तय की गयी है. जबकि धमौल थाना भवन के निर्माण पर नौ करोड़ पांच लाख 59 हजार 950 रुपये, सीतामढ़ी थाना पर नौ करोड़ 14 लाख 14 हजार 500 रुपये और रूपौ थाना भवन पर नौ करोड़ आठ लाख छह हजार 200 रुपये खर्च किये जायेंगे. भूकंपरोधी होंगे सभी मॉडल भवन ये सभी भवन न सिर्फ भूकंपरोधी होंगे, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन का भी ध्यान रखते हुए बनाये जायेंगे. इन माॅडल भवनों के निर्माण से पुलिस कर्मियों को बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा. इससे उनके काम की गुणवत्ता में सुधार आने की संभावना है. अब तक पुराने भवनों में कार्य कर रहे पुलिसकर्मियों को कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता था. लेकिन, माॅडल भवन बनने के बाद ये समस्याएं दूर हो जायेंगी. महिला बैरक और अलग से अनुसंधान कक्ष जैसी सुविधाएं पुलिस को संवेदनशील मामलों में बेहतर ढंग से काम करने में मदद करेंगी. प्रशासनिक स्वीकृति के बाद अब जल्द ही निविदा की प्रक्रिया शुरू होगी और निर्माण कार्य की शुरुआत की जायेगी. जिले में चार थानों का अपना आधुनिक माॅडल भवन बनेग, जिससे पुलिस कर्मियों को रहने के साथ-साथ काम करने में भी सहूलियत होगी. माॅडल भवन के लिए प्रशासनिक स्वीकृति हो चुकी है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा. अभिनव धीमान, पुलिस अधीक्षक, नवादा बुंदेलखंड थाना जर्जर, पुलिसकर्मी रहते हैं परेशान जिले में चार थानों को करोड़ों रुपये की लागत से भवन बनाने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिली है. इससे पुलिस कर्मियों में खुशी है. वहीं बुंदेलखंड थाना का जर्जर भवन रहने से यहां के कर्मियों में निराशा है. अब तक यहां के सिपाहियों के लिए न, तो रहने लाइक कमरा है, और न ही बंदियों के लिए. जान जोखिम में डालकर दूसरों को सुरक्षा देने वाले इन पुलिसकर्मियों को जर्जर थाना भवन में असुरक्षित तरीके से काम करना पड़ रहा है. कभी छत का प्लास्टर टूट कर गिरता है, तो कभी वर्षा के दिनों में छत से पानी टपकने लगता है. यह नवादा का बुंदेलखंड थाना है.पहले तो यह आउटपोस्ट वर्ष 2013 से एक किराये के मकान में चला. सबसे पहले यहां पर एक पुलिस पिकेट हुआ करता था. लेकिन वर्ष 2013 में पुलिस पिकेट से बुंदेलखंड ओपी में तब्दील हुआ. फरवरी 2024 में पूर्ण रूपेण थाना का दर्ज मिला.
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