80 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाने को मजबूर हुए ग्रामीण
संवेदक पर मनमानी और भ्रष्टाचार का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क और पुलिया का निर्माण करने वाले संवेदक अंगद कुमार सिन्हा ने अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती है. धमनी पंचायत के पूर्व मुखिया धीरज कुमार, पूर्व पंचायत समिति सिकंदर राजवंशी, रंजीत पंडित, पूर्व उपमुखिया दीपक कुमार, पैक्स अध्यक्ष विनय कुमार, शिवनंदन राजवंशी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि 12.650 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण कार्य वर्ष 2018 के अंत में शुरू होकर वर्ष 2019 के अंत में समाप्त हो गया था. इसके लिए 609.758 लाख रुपये की अनुमानित राशि और पांच वर्षीय अनुरक्षण के लिए 44.48 लाख रुपये की लागत तय की गयी थी. ग्रामीणों का आरोप है कि घटिया सामग्री के इस्तेमाल और निर्माण मानकों की अनदेखी के कारण ही पुलिया इतनी जल्दी टूट गयी. उन्होंने सड़क निर्माण और उसके बाद के अनुरक्षण कार्य की गहन जांच की मांग की है, ताकि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर कार्रवाई हो सके.सवैयाटांड़ के ग्रामीणों के लिए बढ़ीं दुश्वारियां
अधिकारी का लीपापोती भरा बयान और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन
इस मामले पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार ने एक विचित्र बयान देते हुए कहा कि उन्हें भारी बारिश के कारण धमनी-सवैयाटांड़ ग्रामीण पथ में सड़क का एक टुकड़ा बह जाने की सूचना है, किंतु पुलिया के टूटने की सूचना नहीं है. हालांकि, उन्होंने तुरंत कनीय अभियंता को स्थल का भौतिक निरीक्षण करने का आदेश दिया है और आश्वासन दिया है कि जल्द ही पुलिया का निर्माण करवाया जायेगा, ताकि ग्रामीणों को आवागमन में हो रही असुविधा दूर हो सके. गौरतलब है कि यह घटना सिर्फ एक पुलिया का टूटना नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का एक जीता-जागता उदाहरण है,जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है