स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज बने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वरसनातन के प्रखर प्रवक्ता हैं स्वामी वेदमूर्ति : महंत रविंद्रपुरी
फोटो – महामंडलेश्वर बनने के बाद फूल-मालाओं से सुशोभित वेदमूर्ति जी महाराज
प्रतिनिधि, रजौली.
संत समाज का आशीर्वाद और अपेक्षाएं
गुरु के प्रति कृतज्ञता और निष्ठा का संकल्प
रजौली में उत्सव और गर्व की लहर
स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज की यह उपलब्धि उनके पैतृक गांव डीह रजौली में खुशी और गर्व का कारण बनी है. रजौली के स्कूलों में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले स्वामीजी को यह उपाधि मिलने से पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है. गांव, टोले-मुहल्ले के लोग उनकी सनातन संस्कृति के प्रति अटूट लगाव रखते हैं. उनके परिवार और प्रियजनों में भी इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर अपार खुशी है. यह नियुक्ति न केवल स्वामी वेदमूर्ति पुरी महाराज के व्यक्तिगत तप और ज्ञान का परिणाम है, बल्कि यह सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और युवा पीढ़ी में भारतीय संस्कृति और संस्कारों को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी साबित होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है